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कंवरलाल की विधायकी खत्म कराने सुप्रीम कोर्ट जाएगी कांग्रेस

कंवरलाल की विधायकी खत्म कराने सुप्रीम कोर्ट जाएगी कांग्रेस

कंवरलाल की विधायकी खत्म कराने सुप्रीम कोर्ट जाएगी कांग्रेस -जूली, डोटासरा बोले-विधानसभा स्पीकर पक्षपात कर रहे हैं, संवैधानिक जिम्मेदारी में बेईमानी नहीं हो । जयपुर । भाजपा विधायक कंवरलाल मीणा को तीन साल की सजा के बावजूद विधानसभा सदस्यता खत्म नहीं करने के मुद्दे को कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली

कंवरलाल की विधायकी खत्म कराने सुप्रीम कोर्ट जाएगी कांग्रेस

-जूली, डोटासरा बोले-विधानसभा स्पीकर पक्षपात कर रहे हैं, संवैधानिक जिम्मेदारी में बेईमानी नहीं हो ।
जयपुर । भाजपा विधायक कंवरलाल मीणा को तीन साल की सजा के बावजूद विधानसभा सदस्यता खत्म नहीं करने के मुद्दे को कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा-भाजपा विधायक कंवरलाल मीणा की विधायकी पर स्पीकर ने बुधवार तक फैसला नहीं किया तो सुप्रीम कोर्ट में कंटेम्प्ट याचिका दायर की जाएगी।

उन्होंने कहा-हम इस मुद्दे को छोड़ेंगे नहीं, इसमें लड़ाई लड़ेंगे। दो साल से ज्यादा की सजा होते ही विधायकी खत्म करने का नियम है, राहुल गांधी की सदस्यता 24 घंटे में खम कर दी थी, अब भाजपा विधायक के मामले में स्पीकर पक्षपात कर रहे हैं।
अंता (बारां) से भाजपा विधायक कंवरलाल मीणा ने आज ट्रायल कोर्ट में सरेंडर किया। यहां से उन्हें अकलेरा (झालावाड़) जेल में भेज दिया गया है। कांग्रेस ने कंवरलाल की विधायकी खत्म करने की मांग की है।
जूली ने कहा-सीएम ने तय कर रखा हैं, राजस्थान में कानून नाम की चीज नहीं छोड़नी है ।
नेता प्रतिपक्ष जूली ने कहा-विधानसभा स्पीकर और मुख्यमंत्री ने तय कर रखा है कि राजस्थान में कानून नाम की चीज नहीं छोड़नी है। स्पीकर विधानसभा की समितियों के सभापति मनमाने तरीके से बदल रहे हैं। भाजपा विधायक की विधायकी खत्म करने के मामले को लटकाकर तो पक्षपात की हदें पार कर दी हैं। राजस्थान में लोग क्या-क्या नहीं कह रहे हैं, उन पर किसका दबाव है। संवैधानिक दायित्व दिया है उसमें बेईमानी नहीं होने चाहिए, इसमें पाप नहीं होना चाहिए।
जूली ने कहा-आज राजस्थान विधानसभा के लिए एक शर्मनाक दिन है जब इस विधानसभा का सदस्य रहते हुए भाजपा के एक विधायक ने सजायाफ्ता कैदी के रूप में सरेंडर किया है। यह हमारे लोकतंत्र पर काले धब्बे के समान है। ऐसा विधानसभा के इतिहास में पहली बार हुआ है। विधानसभा अध्यक्ष ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत सजा सुनाए जाने के 20 दिन बाद भी सदस्यता रद्द नहीं की, जिसके कारण ऐसा शर्मनाक दिन आया है। आशा है इस सरेंडर के बाद तो अविलंब सदस्यता रद्द कर अपने पद की गरिमा का थोड़ा ख्याल विधानसभा अध्यक्ष महोदय करें।
डोटासरा बोले-बाप विधायक का मामला सदाचार कमेटी को सौंपा, लेकिन कंवरलाल पर एक्शन नहीं ।
डोटासरा ने कहा-संवैधानिक पद पर बैठे स्पीकर संविधान की अवहेलना कर रहे हैं। तीन साल की सजा बरकरार रखने के कोर्ट के फैसले के बावजूद भाजपा विधायक कंवरलाल मीणा की विधानसभा सदस्यता खत्म नहीं की।

उन्होंने कहा-स्पीकर पर किसका दबाव है। स्पीकर अब भी मामले को लिए बैठे हैं, फिर कहते हैं मैं पारदर्शी, निष्पक्ष हूं। बाप के एक विधायक, जिसके ऊपर एसीबी में एफआईआर हुई, उसका इन्वेस्टिगेशन चल रहा है, उससे पहले सदाचार कमेटी में मामला भेज दिया, सदाचार कमेटी की मीटिंग कराके जल्दी से उसकी मेंबरशिप खत्म करने में लगे है। जबकि बीजेपी विधायक कंवरलाल को तीन साल की सजा होने के बावजूद विधायकी खत्म नहीं कर रहे हैं।

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