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आठ दिन में 30000 श्रद्धालुओं ने किया हेमकुंड साहिब के दर्शन

आठ दिन में 30000 श्रद्धालुओं ने किया हेमकुंड साहिब के दर्शन

चमोली ( वार्ता) उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध हेमकुंड साहिब की यात्रा शुरुआती आठ दिनों में बुधवार तक 30 हजार से अधिक यात्री हेमकुंड साहिब पहुँच चुके हैं। हेमकुंड साहिबसिख धर्म के सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक है। पिछले चार दिनों से रुक-रुक कर हो रही बर्फबारी के बावजूद तीर्थयात्रियों

चमोली ( वार्ता) उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध हेमकुंड साहिब की यात्रा शुरुआती आठ दिनों में बुधवार तक 30 हजार से अधिक यात्री हेमकुंड साहिब पहुँच चुके हैं।

हेमकुंड साहिबसिख धर्म के सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक है। पिछले चार दिनों से रुक-रुक कर हो रही बर्फबारी के बावजूद तीर्थयात्रियों का उत्साह चरम पर है। हिमालय की गोद में 15,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित इस पवित्र गुरुद्वारे में तीर्थयात्री अटूट श्रद्धा और विश्वास हैं। सर्द मौसम और बर्फीली हवाओं के बीच भी तीर्थयात्री पवित्र सरोवर में स्नान कर रहे हैं।

पिछले आठ दिनों में श्री हेमकुंड साहिब में तीर्थयात्रियों की संख्या ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। इस दौरान 30,000 से अधिक श्रद्धालुओं ने गुरुद्वारे के दर्शन किये हैं।श्री हेमकुंड साहिब प्रबंधन ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्र जीत सिंह बिंद्रा ने जानकारी देते हुए बताया हेमकुंड साहिब यात्रा में जो आस्था उत्साह यात्रियों में है वह निसंदेह उल्लेखनीय है। उन्होंने बताया कि उन्होंने उत्तराखंड के मुख्य सचिव आनंद वर्धन से मुलाकात कर हेमकुंड साहिब यात्रा की प्रगति की जानकारी दी। उन्होंने हेमकुंड साहिब यात्रा के लिए गोविंदघाट में स्थायी पुल के निर्माण की आवश्यकता पर बल दिया और कहा गोविन्द घाट में स्थाई पुल‌ की घोषणा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा की जा चुकी है।

उन्होंने कहा गोविन्द घाट में स्थाई पुल बनने से यात्रा और अधिक सुरक्षित तथा सुगम होगी। उन्होंने हेमकुंड साहिब यात्रा पडाव घांघरिया में तीर्थयात्रियों के लिए दो नए हॉल के निर्माण को मंजूरी देने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने हेमकुंड साहिब यात्रा में सहयोग सुविधा के लिए चमोली जिला प्रशासन और राज्य प्रशासन की सराहना करते हुए कहा कि उनकी सक्रिय भूमिका और समर्पण के कारण ही यह यात्रा हर वर्ष सुगम और सुरक्षित ढंग से संपन्न हो पाती है। प्रशासन ने यात्रा मार्ग पर सुरक्षा, आवास और अन्य आवश्यक सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं,जिसमें राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) , आतंकवाद निरोधी दस्ता (एटीएस) और भारत तिब्बत सीमा बल (आईटीबीपी) की विशेष टीमें भी शामिल हैं, जो यात्रा मार्ग के प्रमुख पड़ावों पर तैनात हैं।

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