प्रकाश कुंज । देहरादून असाध्य बीमारियों के निदान के प्रति उत्तराखंड के ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के चिकित्सकों ने अब एक ऐसी उपलब्धि प्राप्त की है, जो रिकॉर्ड बनने जा रही है। यहां चिकित्सकों की टीम एक 27 वर्षीय व्यक्ति के पैर से 35 किलो वजन के विशाल ट्यूमर को सर्जरी की
प्रकाश कुंज । देहरादून असाध्य बीमारियों के निदान के प्रति उत्तराखंड के ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के चिकित्सकों ने अब एक ऐसी उपलब्धि प्राप्त की है, जो रिकॉर्ड बनने जा रही है। यहां चिकित्सकों की टीम एक 27 वर्षीय व्यक्ति के पैर से 35 किलो वजन के विशाल ट्यूमर को सर्जरी की मदद से हटाने में सफल रही। बहुत ही घातक रूप ले चुके इस कैंसर युक्त बोन ट्यूमर की सर्जरी की सफलता के पीछे संस्थान के अनुभवी विशेषज्ञ चिकित्सकों का टीम वर्क और रोगी का मजबूत हौसला शामिल है। चिकित्सकों के अनुसार, इतने बड़े साईज के इस ट्यूमर की सफल सर्जरी अभी तक अपने देश में पहला रिकाॅर्ड है।
जीवन बचने की उम्मीद छोड़ चुके उत्तर प्रदेश के संभल जिले के 27 वर्षीय सलमान के चेहरे में फिर से मुस्कान लौट आयी है। एम्स, ऋषिकेश में हुए इलाज की वजह से इस रोगी को न केवल नया जीवन मिला बल्कि अब उसे शरीर में बढ़ रहे कैंसर ग्रसित ट्यूमर की पीड़ा भी नहीं झेलनी पड़ेगी। बकौल सलमान, बाएं पैर में हैरतअंगेज ढंग से बढ़ रहे ट्यूमर की बीमारी का पता उसे छह साल पहले लगा था। तब एक दिन नहाते हुए पहली बार उसे महसूस हुआ कि उसकी जांघ के आस-पास एक छोठी गांठ उभर आयी है। समय बढ़ने पर धीरे-धीरे उसे उठने-बैठने में परेशानी होने लगी। मर्ज बढ़ने पर रोगी ने पहले मुरादाबाद और फिर दिल्ली के कई अस्पतालों के चक्कर काटे। दवाओं के साथ जांचें चलती रहीं लेकिन मर्ज न रूका।
कद्दू के साईज से बड़ा आकार ले चुके इस ट्यूमर की वजह से सलमान न उठ-बैठ पा रहा था और न ही शौच आदि कर पा रहा था। बिस्तर में चल रहे जीवन को देखते हुए किसी ने उसे एम्स ऋषिकेश जाने की सलाह दी। यहां विभिन्न जांचों के बाद ऑर्थोपेडिक्स विभाग के डाॅक्टरों ने उसके बाएं पैर की जांघ पर बने इस ट्यूमर को सर्जरी के माध्यम से सफलता पूर्वक हटा दिया। पिछले सप्ताह नौ जून को की गयी सर्जरी के बाद रोगी अब वार्ड में स्वास्थ्य लाभ ले रहा है जिसे शीघ्र ही डिस्चार्ज कर दिया जायेगा। इस उपलब्धि के लिए संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो0 मीनू सिंह व चिकित्सा अधीक्षक प्रो0 बी. सत्याश्री ने डाॅक्टरों की टीम को बधाई दी है। उन्होंने इसे एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि अनुभवी चिकित्सकों की वजह से संस्थान असाध्य रोगों का इलाज करने में भी सक्षम है।
सर्जरी करने वाली टीम में अस्थि रोग विभाग के सर्जन डा. मोहित धींगरा के अलावा सीटीवीएस विभाग के हेड व प्रमुख सर्जन डा. अंशुमान दरबारी, प्लास्टिक सर्जरी विभाग की डा. मधुबरी वाथुल्या मुख्य तौर पर शामिल थे स जबकि एनेस्थेसिया के डा. प्रवीण तलवार, रेडियोलॉजी के डा. उदित चैहान, डा. अविनाश प्रकाश एवं डॉ. विशाल रेड्डी, डॉ. राहुल, डॉ. धवल व डॉ. प्रशांत आदि टीम मेम्बरों के सहयोग से इस जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया।