प्रकाश कुंज । फतेहगढ़ दी सिख लाईट इन्फैन्ट्री रेजिमेन्ट सेन्टर फतेहगढ़ के चटर्जी परेड ग्राऊंड में गुरूवार को आयोजित पासिंग आउट परेड में 660 अग्निवीरों ने 31 सप्ताह के कठिन प्रशिक्षण के बाद सिख लाईट इन्फैन्ट्री रेजिमेन्ट में शामिल होने का गौरव प्राप्त किया। सेना के एक प्रवक्ता ने शुकवार को यह जानकारी दी। उन्होंने
प्रकाश कुंज । फतेहगढ़ दी सिख लाईट इन्फैन्ट्री रेजिमेन्ट सेन्टर फतेहगढ़ के चटर्जी परेड ग्राऊंड में गुरूवार को आयोजित पासिंग आउट परेड में 660 अग्निवीरों ने 31 सप्ताह के कठिन प्रशिक्षण के बाद सिख लाईट इन्फैन्ट्री रेजिमेन्ट में शामिल होने का गौरव प्राप्त किया।
सेना के एक प्रवक्ता ने शुकवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि इस शानदार परेड का निरीक्षण विग्रेडियर मनीष कुमार जैन, कमान्डेट द सिख लाईट इन्फैन्ट्री रेजिमेन्ट सेन्टर द्वारा किया गया और सैन्य वेशभूषा में सुसज्जित अग्निवीरों से सलामी ली। परेड का नेतृत्व अग्रवीर रमजोत सिंह ने किया। इसके उपरान्त जवानों ने रेजिमेंटल मार्च पास्ट गीत ”कदम कदम बड़ाए जा” की शक्तिपूर्ण धुन पर शानदार मार्च पास्ट किया। परेड के दौरान अधिकारीगण, अतिथिगण, सैनिकों व अग्निवीरों के माता पिता एवं परिवारजन उपस्थित थे।
पासिंग आउट परेड के तत्पशचात थल सेनाध्यक्ष एवं कर्नल ऑफ दी सिख लाइट इन्फेन्ट्री रेजिमेन्ट जनरल बिक्रम सिंह की पहल पर शुरू किए गये ”गौरव पदक” सेन्टर कमाण्डेंट ब्रिगेडियर मनीष कुमार जैन ने अग्निवीरों के माता-पिता को प्रदान कर सम्मानित किया। यह पदक उन सभी माता-पिता को प्रदान किया जाता है जो कि अपने बच्चों को देश सेवा हेतु सेना में भेजते हैं। ये सभी माता-पिता बहुत ही खुश नसीब हैं कि उन्हें जो यह गौरव पदक प्राप्त हुआ, उसे वे किसी भी सामाजिक मेल मिलाप कार्यक्रम अथवा किसी अनौपचारिक सैन्य कार्यक्रम के दौरान पहन सकते हैं और वह अपने आप को गौरवान्वित महसूस करेगें।
विग्रेडियर मनीष कुमार जैन ने सभी अग्निवीरों को बधाई दी तथा उन्हें राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देने के लिए प्रेरित किया और कहा कि सेना का हिस्सा होना बड़े ही गर्व और सौभाग्य की बात है क्योकि ये वर्दी और सम्मान हर किसी को प्राप्त नहीं होता है। उन्होने कहा कि ”आप आज अपनी ट्रैनिंग को पूरा करके उस रेजीमेंट का हिस्सा बने हो जिस रेजीमेंट ने अपने देश के लिए बहुत ज्यादा कुर्बानियाँ दी है और भारतीय थल सेना को तीन-तीन चीफ दिए हैं।” उन्होेंने सभी अग्निवीरों को एक सच्चा संत सिपाही बनकर अपनी परम्परा को ध्यान में रखते हुए आगे आने वाली चुनौतियों से डटकर सामना करने एवं निरंतर अपने कर्तव्य का निर्वहन करने के लिए प्रेरित किया। समारोह के अन्त में अग्निवीरों के माता-पिता को गौरव पदक प्रदान कर उन्हे सम्मानित किया गया।
31 सप्ताह की बेहद कठिन ट्रेनिंग को पूरा कर इन अग्निवीरों ने सेना के हर पहलू से सम्बंधित ट्रेनिंग को हासिल किया। कर्तव्य – निष्ठा, निश्चय वीरता और बलिदान पर आधारित प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद अब ये अग्निवीर राष्ट्र सेवा में अपना योगदान देने के लिए सिख लाईट इन्फेन्द्री रेजिमेन्ट की विभिन्न बटालियनों मे अपनी सेवाए देने के लिए तैयार है। इस अवसर पर सभी क्षेत्रों में श्रेष्ट प्रदर्शन करने वाले अग्निवीर बलराज सिंह को बेस्ट अग्निवीर पदक से सम्मानित किया गया।