जयपुर । राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को अजमेर में जन चेतना मंच ने स्वर्गीय श्री सुंदर सिंह भंडारी स्मृति व्याख्यान माला और अभिनंदन समारोह में मेवाड़ गौरव सम्मान से सम्मानित किया। इस सम्मान को पाने वाले देवनानी तीसरे व्यक्ति हैं। इससे पहले यह सम्मान स्व. श्री सुंदर सिंह भंडारी और गुलाबचंद कटारिया को
जयपुर । राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को अजमेर में जन चेतना मंच ने स्वर्गीय श्री सुंदर सिंह भंडारी स्मृति व्याख्यान माला और अभिनंदन समारोह में मेवाड़ गौरव सम्मान से सम्मानित किया। इस सम्मान को पाने वाले देवनानी तीसरे व्यक्ति हैं। इससे पहले यह सम्मान स्व. श्री सुंदर सिंह भंडारी और गुलाबचंद कटारिया को मिल चुका है। देवनानी को यह सम्मान उनकी उल्लेखनीय समाज सेवा, राजस्थान विधानसभा में किए गए नवाचारों और वैचारिक क्रांति के लिए दिया गया है। स्व. सुन्दर सिंह भंडारी के 105 वें जन्मदिवस पर जन चेतना मंच द्वारा ‘जागृत परिवार ही सशक्त राष्ट्र का आधार’ विषय पर आयोजित स्व. सुन्दर सिंह भंडारी स्मृति व्याख्यान माला और अभिनंदन समारोह में देवनानी ने कहा कि उनका मेवाड़ से पुराना व गहरा संबंध रहा है। इस सम्मान को पाकर वे गौरव की अनुभूति कर रहे हैं। मेवाड़ की धरा महाराणा प्रताप के शौर्य, पन्नाधाय के त्याग और मीराबाई की भक्ति के लिए जानी जाती है। शिक्षा मंत्री के दायित्व के दौरान उन्हें ‘अकबर महान’ के पाठ को हटाकर ‘प्रताप महान’ के पाठ को जोड़ने का गौरवशाली कार्य करने का मौका मिला था।
देवनानी ने कहा कि स्व.भंडारी महान विचारक थे। उनका जीवन तपस्वी की भांति सादगीपूर्ण था। राज्यपाल होते हुए भी वे अपने कपड़े स्वयं धोते थे। ऐसे महान व्यक्तित्व के धनी स्वर्गीय भंडारी के जीवन के आदर्शों को आत्मसात करने की आवश्यकता है।
देवनानी ने कहा कि भारत सनातन संस्कृति की राह पर है। इसके मूल में भारतीय संस्कार हैं और संस्कार ही परिवार को जागरूक रखते हैं। जागरूक परिवार ही सशक्त भारत का आधार है। देवनानी ने कहा कि परिवार को जागृत रखने के लिए प्रत्येक बच्चे की माता को जीजा माता बनना होगा।
देवनानी ने कहा कि हम पुन: संयुक्त परिवार की ओर लौट रहे हैं। यह सशक्त भारत और श्रेष्ठ भारत के लिए सुखद संकेत है। इस कार्य में प्रत्येक व्यक्ति की भागीदारी आवश्यक है। राष्ट्र विकास के लिए हम सभी को इस क्षेत्र में भागीदारी निभाने का संकल्प लेना होगा। हमें आपस में कुटुंब प्रबोधन पर चर्चा करने की आवश्यकता है। आपसी संवाद ही युवाओं को अवसाद से मुक्ति दे सकता है ताकि युवा आत्महत्या की प्रवृत्ति से दूर हो सके।
देवनानी ने कहा कि परिवार को समय दें। परिवार के सभी सदस्य मिलकर संध्या आरती और संध्या भोजन करें। युवाओं को वैज्ञानिक दृष्टि से संस्कारों को समझाएं। आध्यात्मिक और सांस्कृतिक भारत पर गर्व की अनुभूति करें। पुष्पक विमान, संजय, गणेश जी की सूंड प्राचीन भारत की महानता के परिचायक हैं।
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