728 x 90

महाराणा सांगा भारत के प्रत्येक युवा के लिये प्रेरणा स्रोत

महाराणा सांगा भारत के प्रत्येक युवा के लिये प्रेरणा स्रोत

  जयपुर । भरतपुर जिले के खानुआ स्थित ऐतिहासिक युद्ध स्मारक स्थल पर राजस्थान धरोहर प्राधिकरण संरक्षण की ओर से मंगलवार को पहली बार शहीदों को श्रृद्धांजलि एवं महाराणा सांगा एवं बाबर के मध्य हुये युद्ध में शहीद हुये राजा-महाराजाओं के वंशजों का सम्मान समारोह गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम के मुख्य आतिथ्य में

 

जयपुर । भरतपुर जिले के खानुआ स्थित ऐतिहासिक युद्ध स्मारक स्थल पर राजस्थान धरोहर प्राधिकरण संरक्षण की ओर से मंगलवार को पहली बार शहीदों को श्रृद्धांजलि एवं महाराणा सांगा एवं बाबर के मध्य हुये युद्ध में शहीद हुये राजा-महाराजाओं के वंशजों का सम्मान समारोह गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम के मुख्य आतिथ्य में आयोजित किया गया जिसमें देशभर से वीर शहीदों के वंशज उपस्थित हुये।

गृह राज्य मंत्री ने समारोह को संबोधित करते हुये कहा कि महाराणा सांगा ने देश, धर्म एवं संस्कृति की रक्षा के लिये भारतवर्ष के सभी राजा-महाराजाओं को एक करते हुये खानुआ के युद्ध में अदम्य साहस एवं शौर्य का प्रदर्शन किया था। उन्होंने कहा कि महाराणा सांगा ने 100 युद्ध लड़े जिनमें से 99 में विजय प्राप्त की तथा खातौली, बयाना के युद्धों में विदेशी आक्रांताओं को धूल चटाने का कार्य किया था। महाराणा सांगा की वीरता, अदम्य साहस एवं युद्ध कौशल का तत्कालीन समय में सभी विदेशी हमलावर लोहा मानते थे। उन्होंने कहा कि खानुआ का युद्ध भारत एवं विदेशी आक्रांताओं के बीच महत्वपूर्ण घटना थी, इस युद्ध का विश्व पटल पर प्रभाव पडा था। उन्होंने कहा कि महाराणा सांगा के नेतृत्व में सभी जाति-धर्म के योद्धाओं ने युद्ध में भाग लेकर विदेशी आक्रांताओं का डटकर मुकाबला किया। उन्होंने कहा कि महाराणा सांगा आज भी भारत के प्रत्येक युवा के लिये प्रेरणा स्रोत व सम्मानीय हैं। आने वाली पीढियां पूरे आदरभाव के साथ खानुआ युद्ध में भाग लेने वाले शहीदों की ऋणी रहेंगी।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने खानुआ युद्ध स्मारक के विकास के लिये 3 करोड़ रूपये की अतिरिक्त स्वीकृति जारी की है इससे सम्पूर्ण क्षेत्र का विकास कर डि​जिटल तकनीकी के साथ युवाओं को प्रेरणादायक जानकारी उपलब्ध कराने का प्रयास किया जायेगा। इससे पूर्व उन्होंने महाराणा सांगा एवं युद्ध में शहीद हुये वीरों को पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया तथा खानुआ के युद्ध स्थल पर बने द्वार का फीता काटकर उद्वघाटन किया।

लखावत ने कहा कि खानुआ का युद्ध 1527 में लड़ा गया था जिसमें महाराणा सांगा के नेतृत्व में देशभर के राजा-महाराजाओं ने भाग लेकर देश-धर्म की रक्षा के लिये अपने प्राणों की आहुतियां दी थी। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान में अनेक विदेशी आक्रांता आये लेकिन हमारे वीर योद्धाओं के अदम्य साहस के कारण लम्बे समय तक देश को गुलाम नहीं कर पाये। उन्होंने कहा कि महाराणा सांगा के वैचारिक एवं शारीरिक वंशज आज भी जीवित हैं कोई भी देश को गुलाम नहीं कर सकता, हमारी विशेषता रही है कि संकट की स्थिति में एक साथ खड़े होते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों के संरक्षण के लिये लगातार कार्य कर रही है जिससे आने वाली पीढियों को ऐसे शौर्य स्थलों से देश की सुरक्षा की प्रेरणा मिलती रहे। उन्होंने खानुआ युद्ध में भाग लेने वाले वीर शहीदों के वंशजों को पहली बार मंच पर एक साथ सम्मान को ऐतिहासिक पल बताते हुये कहा कि अब इस स्मारक पर प्रत्येक शहीद के नाम पर कार्यक्रम किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि खानुआ में वर्षभर पर्यटक एवं देश के युवा आयें, इसके लिये वार्षिक प्लान बनाया जायेगा तथा वर्ष में एक बार राष्ट्रीय स्तर की संगोष्ठी आयोजित की जायेगी।

 

Posts Carousel

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked with *

Latest Posts

Top Authors

Most Commented

Featured Videos

Categories