728 x 90

कर्नल सोफिया मामले में विजय शाह को अंतरिम राहत देने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

कर्नल सोफिया मामले में विजय शाह को अंतरिम राहत देने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

प्रकाश कुंज  ।  नयी दिल्ली,  उच्चतम न्यायालय  ने  भारतीय  सेना  की  कर्नल सोफिया कुरैशी  के खिलाफ मध्य प्रदेश के मंत्री कुंवर विजय शाह की ओर से की गई ‘अपमानजनक’ टिप्पणियों के मामले में प्रदेश उच्च न्यायालय के निर्देश के खिलाफ रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर अंतरिम राहत देने से गुरुवार को इनकार कर

प्रकाश कुंज  ।  नयी दिल्ली,  उच्चतम न्यायालय  ने  भारतीय  सेना  की  कर्नल सोफिया कुरैशी  के खिलाफ मध्य प्रदेश के मंत्री कुंवर विजय शाह की ओर से की गई ‘अपमानजनक’ टिप्पणियों के मामले में प्रदेश उच्च न्यायालय के निर्देश के खिलाफ रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर अंतरिम राहत देने से गुरुवार को इनकार कर दिया और कहा कि इस मामले पर शुक्रवार को सुनवाई की जायेगी।

उच्च न्यायालय ने मंत्री की कथित आपत्तिजनक टिप्पणी पर स्वत: संज्ञान लेकर राज्य सरकार को उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने  के निर्देश दिया था।  शाह की ओर से उसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गयी है।

शीर्ष अदालत के मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई और न्यायमूर्ति ए जी मसीह की पीठ ने आज इस याचिका का उल्लेख किए जाने पर कहा कि मंत्री शाह ने ऐसी टिप्पणी की  है जो गैर-जिम्मेदाराना  है ।  भाजपा  नेता  शाह  राज्य  सरकार  में आदिवासी मामलों के मंत्री हैं।

न्यायमूर्ति गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने मंत्री के खिलाफ मुकदमा दायर करने के मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश पर तत्काल रोक लगाने के आग्रह को अस्वीकार कर दिया और कहा कि वह इस मामले में कल सुनवाई करेगी।

याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय के आदेश के बाद उनके खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी पर रोक लगाने की मांग की थी।

मंत्री शाह की अधिवक्ता विभा दत्ता मखीजा ने पीठ के समक्ष कहा, “उन्होंने (शाह) अपनी टिप्पणियों को लेकर पश्चाताप व्यक्त किया है। उन्हें गलत समझा गया है…मीडिया ने उसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया है। हम मुकदमा – दर्ज करने के आदेश पर रोक लगाने की मांग करते हैं।”

पीठ ने हालांकि कहा कि शाह के एक मंत्री हैं। इस नाते उनकी टिप्पणी बेहद गैर-जिम्मेदाराना थी।

न्यायमूर्ति गवई ने कहा, “संवैधानिक  पद  पर  बैठे  व्यक्ति  को  ऐसे  समय  गैर-जिम्मेदारी से नहीं बोलना चाहिए…जब देश ऐसी स्थिति से गुजर रहा है। पता होना (शाह को) चाहिए कि वह क्या कह रहे हैं।…”

उच्च न्यायालय ने शाह के कथित वक्तव्य पर स्वत:  संज्ञान  लेते हुए बुधवार को इस मामले में सुनवाई करते हुए महिला सैन्य अधिकारी के विरुद्ध ‘अपमानजनक’ और ‘ अभद्र भाषा’ का इस्तेमाल करने के लिए उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश दिया था।

शाह ने 12 मई को इंदौर के पास एक कार्यक्रम में टिप्पणी की थी जिसमें उन्होंने कथित तौर पर महिला सेना अधिकारी को ‘आतंकवादियों की बहन’ कहा था।

कर्नल कुरैशी पाकिस्तान  तथा  उसके  कब्जे  वाले  कश्मीर के विभिन्न स्थानों पर आतंकवादियों के शिविरों पर भारतीय सशस्त्र बलों की कार्रवाई के लिए चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में प्रेस ब्रीफिंग करने वाली टीम में शामिल थी जिसे भारत में नारी शक्ति के उत्कर्ष के रूप में देखा जा रहा है। उसके बाद से वह विशेष चर्चा का केन्द्र बनी हुई हैं।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि न्याायालय के आदेश के बाद मंत्री के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।

अदालती आदेश का पालन करते हुए पुलिस ने बुधवार शाम को शाह के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज कर लिया था।

Posts Carousel

Latest Posts

Top Authors

Most Commented

Featured Videos

Categories