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राज्य में सुव्यवस्थित भेड़ निष्क्रमण के लिए जिलों में पुख्ता व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें अधिकारी – मुख्य सचिव

राज्य में सुव्यवस्थित भेड़ निष्क्रमण के लिए जिलों में पुख्ता व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें अधिकारी – मुख्य सचिव

जयपुर । मुख्य सचिव सुधांश पंत ने कहा कि राज्य में भेड़ निष्क्रमण को निर्बाध तरीके से संचालित करने के लिए जिला प्रशासन तथा संबंधित विभाग आपसी समन्वय के साथ सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि इस दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस विभाग तथा जिला प्रशासन सक्रिय होकर काम करे,

जयपुर । मुख्य सचिव सुधांश पंत ने कहा कि राज्य में भेड़ निष्क्रमण को निर्बाध तरीके से संचालित करने के लिए जिला प्रशासन तथा संबंधित विभाग आपसी समन्वय के साथ सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि इस दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस विभाग तथा जिला प्रशासन सक्रिय होकर काम करे, तथा संवेदनशील जगहों पर पहले से ही सचेत होकर पुख्ता व्यवस्थाएं करें।

मुख्य सचिव शुक्रवार को शासन सचिवालय में भेड़ निष्क्रमण वर्ष 2025-26 की पूर्व तैयारियों के संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कई बार पशुपालकों की भेड़ें उनके रास्ते में पड़ने वाले किसानों के खेतों में घुस जाती हैं, जिससे उनमें और भेड़ पालकों के बीच टकराव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।  पंत ने कहा कि इस स्थिति से बचने के लिए पुलिस विभाग तथा जिला प्रशासन पहले से ही सचेत होकर काम करे साथ ही भेड़पालकों द्वारा निष्क्रमण के लिए निर्धारित मार्ग से ही गुजरना सुनिश्चित करें। मार्ग में फेरबदल की स्थिति में समय रहते यथोचित कार्रवाई करते हुए सुगम निष्क्रमण को सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा निष्क्रमण के एन्ट्री प्वाइंट चिन्ह्ति करते हुए स्थाई एवं अस्थाई चैकपोस्टों की स्थापना तथा कार्मिकों की नियुक्ति का काम भी शीघ्र पूरा किया जाए। साथ ही उन्होंने संवेदनशील स्थानों को चिन्हित करते हुए समन्वित भ्रमण टोलियों का भी गठन किए जाने के निर्देश दिए।

पंत ने निर्देश दिये कि जिलों में भेड़ निष्क्रमण के सफल संचालन के लिए संभागीय आयुक्त तथा पुलिस महानिरीक्षक वीसी के जरिये प्रत्येक जिले में कलक्टर तथा जिले के पशुपालन अधिकारी तथा अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ व्यवस्थाएं सुचारू करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि विभाग के स्तर पर भेड़ों की दवा, ठहराव आदि की व्यवस्था का भी पुख्ता इंतजाम रखा जाए। साथ ही भेड़पालकों के पंजीकरण तथा परिचय पत्र जारी करने का कार्य भी विभाग द्वारा किया जाना सुनिश्चित किया जाए। मुख्य सचिव  पंत ने निष्क्रमण पर रहने वाले पशुपालकों और उनके परिवारों के लिए अस्थायी टेंट और शेड, राशन और स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए भी संबंधित विभागों को निर्देश प्रदान किए।

पशुपालन विभाग के शासन सचिव डॉ समित शर्मा ने बताया कि चारे की उपलब्धता के लिए प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में भेड़ें तथा हजारों की संख्या में भेड़पालक विभिन्न जिलों से  एक स्थान से दूसरे स्थान पर निष्क्रमण करते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में इनके निर्बाध निष्क्रमण के लिए कुल 191 चैक पोस्ट बनाए जाते हैं। इन चैकपोस्टों पर पशुओं के लिए वैक्सीन तथा समुचित दवाइयां उपलब्ध करवाई जाती हैं। उन्होंने बताया कि वर्षा शुरू होते ही भेड़ पालक बड़ी संख्या में राज्य के पठारी जिलों में आना प्रारम्भ कर देते हैं। इस बार भी बड़ी संख्या में भेड़ों तथा पशुपालकों के राज्य में निष्क्रमण की संभावना है, जिसके लिए विभाग द्वारा सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष 8.15 लाख भेड़ें तथा 14 हजार 965 पशुपालक राज्य में निष्क्रमण के लिए आए थे।

बैठक में संबंधित विभागों के सचिव, सभी संभागीय आयुक्त, संबंधित जिलों के जिला कलक्टर, पुलिस विभाग के अधिकारी तथा अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों ने वीसी के माध्यम से भाग लिया।

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