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सुर साधकों ने किया विभिन्न राग-रागनियों की बंदिशों का शृंगार

सुर साधकों ने किया विभिन्न राग-रागनियों की बंदिशों का शृंगार

-शास्त्रीय संगीत समारोह का दूसरा दिन   प्रकाश कुंज ।  जयपुर  : संगीत आश्रम संस्थान में चल रहे तीन दिवसीय शास्त्रीय संगीत समारोह के दूसरे दिन रविवार को शास्त्रीनगर स्थित संस्थान परिसर में संजोए क्लासिकल म्यूजिक कॉन्सर्ट में संस्थान के ही अनेक संगीत साधकों ने विभिन्न राग-रागनियों के सुर साध कर अपनी तैयारी पक्ष उम्दा

-शास्त्रीय संगीत समारोह का दूसरा दिन  

प्रकाश कुंज ।  जयपुर  : संगीत आश्रम संस्थान में चल रहे तीन दिवसीय शास्त्रीय संगीत समारोह के दूसरे दिन रविवार को शास्त्रीनगर स्थित संस्थान परिसर में संजोए क्लासिकल म्यूजिक कॉन्सर्ट में संस्थान के ही अनेक संगीत साधकों ने विभिन्न राग-रागनियों के सुर साध कर अपनी तैयारी पक्ष उम्दा प्रदर्शन किया।

तमाम सुर साधकों ने सुर, लय और ताल में विभिन्न रागों की बंदिशों की दिलकश प्रस्तुतियों से मुतास्सिर किया। कलाकार वनिता हीरानी ने राग कामोद की बंदिश कारे जाने न दूंगी…, सुमित्रा अग्रवाल ने राग मारु बिहाग की रचना कलना परे तुम बिन श्याम…,खुशबू कंवर ने राग नंद की रचना अजहूं न आए मेरे श्याम…,जयति कुमारी ने राग चारुकेसी की बंदिश सपनवा में आओ ना हरि…, हिमांशु वर्मा ने राग बागेश्री की रचना कौन करत तोरी विनती…, लक्ष्य शर्मा और विमर्श स्वामी ने राग कामोद की बंदिश सोहेलरा गावो रे…,  की सुरीली प्रस्तुति में सुरों के खूबसूरत लगाव,  ठहराव का खूबसूरत संयोजन दर्शाकर मौजूद श्रोताओं के दिलों को छू लिया।

इसी प्रकार गिटार के कलाकार नितेश कुमावत, आलिया, सतकृति ने राग देस और नीत खत्री ने राग भीमपलासी में रजाखानी गत पेश की। तबले पर लक्ष्य शर्मा और हारमोनियम पर हरीश नागौरी ने संगत की।

आज होगी कथक नृत्य संध्या

संगीत आश्रम संस्थान सचिव अमित अनुपम ने बताया कि समारोह के आखिरी दिन सोमवार को शाम 5.30 बजे शास्त्रीय कथक नृत्य संध्या होगी। इसमें कई कलाकार जयपुर घराने के शुद्ध पारंपरिक कथक की प्रस्तुति देंगे।

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