प्रकाश कुंज । जयपुर राज्य सरकार द्वारा आज 30 जून को आदेश जारी कर देवेन्द्र श्रृंगी को राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम का अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक नियुक्त किया गया है। ऊर्जा विभाग, राजस्थान सरकार के आदेशानुसार देवेन्द्र श्रृंगी को कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से एक वर्ष की अवधि के लिए उत्पादन निगम के
प्रकाश कुंज । जयपुर राज्य सरकार द्वारा आज 30 जून को आदेश जारी कर देवेन्द्र श्रृंगी को राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम का अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक नियुक्त किया गया है। ऊर्जा विभाग, राजस्थान सरकार के आदेशानुसार देवेन्द्र श्रृंगी को कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से एक वर्ष की अवधि के लिए उत्पादन निगम के अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक के पद पर नियुक्त किया है।
देवेन्द्र श्रृंगी को ऊर्जा एवं विद्युत उत्पादन क्षेत्र में कार्य का 35 वर्ष से अधिक अवधि का सुदीर्ध अनुभव है जिसमें से कोटा सुपर थर्मल, छबड़ा सुपर थर्मल आदि पॉवर प्लान्टों में 31 वर्ष से अधिक अवधि तक ऑपरेशन, मेंटीनेन्स, सी.एण्ड आई., कोल हेण्डलिंग एवं अन्य विभागों के क्षेत्र मेें कार्य करते हुए उच्च तकनीकी पदों पर सेवाएं प्रदान की हैं। श्रृंगी 3 फरवरी 2024 से राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के कार्यवाहक अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक के रूप में कार्य कर रहे हैं।
ऊर्जा विभाग, राजस्थान सरकार के आदेशानुसार राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम में के.एल.मीणा को निदेशक (परियोजना), संजय सनाढ्य को निदेशक (तकनीकी) एवं एम.के.खण्डेलवाल को निदेशक (वित्त) के पद पर कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से 1 वर्ष की अवधि के लिए नियुक्त किया गया है।
देवेन्द्र श्रृंगी ने बताया कि राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम वर्तमान में राज्य में विद्युत उपलब्धता को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए प्रदेश की ऊर्जा आवश्यकता को पूरा करने में केन्द्रीय भूमिका के साथ चहुॅमुखी तीव्र विकास में अग्रणी है। उत्पादन निगम के निदेशकों की नवनियुक्त टीम के साथ राज्य सरकार के विज़न के अनुसार कार्य करते हुए विद्युत इकाइयों की परम्परागत प्रणाली में अत्याधुनिक तकनीकों के माध्यम से कम निवेश में अधिक उत्पादन एवं अन्तर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार प्रदूषण न्यून करते हुए बिजली का उत्पादन किया जायेगा ताकि राज्य के उपभोक्ताओं को निर्बाध विद्युत आपूर्ति की जा सके। उनका मुख्य ध्येय उत्पादन निगम के विद्युतगृहों के सुचारू संचालन, नई अक्षय ऊर्जा एवं गैर नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के निर्माण कार्यो में तेजी, तापीय विद्युत गृहों को पर्याप्त कोयला उपलब्धता एवं कर्मचारियों की कार्यदक्षता बढ़ाने पर रहेगा।