प्रकाश कुंज । चंडीगढ़ हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार का वर्ष 2029 तक एमबीबीएस की सीटें 3400 से अधिक करने का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार डॉक्टरों को बेहतर संसाधन और नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। हर
प्रकाश कुंज । चंडीगढ़ हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार का वर्ष 2029 तक एमबीबीएस की सीटें 3400 से अधिक करने का लक्ष्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार डॉक्टरों को बेहतर संसाधन और नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। हर जिले में मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जा रही है। वर्ष 2014 में जहां मेडिकल कॉलेजों की संख्या मात्र 6 थी, वहीं आज यह बढ़कर 15 हो गई है और 9 नए कॉलेज निर्माणाधीन हैं। इसके परिणामस्वरूप एमबीबीएस की सीटें 2014 में 700 से बढ़कर अब 2,185 हो चुकी हैं।
मुख्यमंत्री आज चंडीगढ़ में डेराबसी मेडिकल एसोसिएशन द्वारा राष्ट्रीय डॉक्टर्स दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मानव सेवा की राह में डेराबस्सी मेडिकल एसोसिएशन ने उल्लेखनीय योगदान किया है। पिछले दो वर्षों से चौरसिया अस्पताल में मुफ्त डायलिसिस सेंटर चलाया जा रहा है।
सैनी ने डॉक्टरों, स्वास्थ्य कर्मियों और चिकित्सा सेवा से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति को राष्ट्रीय डॉक्टर्स दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वे मानवता के सच्चे सेवक हैं, जिनकी सेवा भावना, समर्पण और संवेदनशीलता समाज को स्वस्थ, सुरक्षित और सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभाती है। उन्होने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य है कि हर डॉक्टर को सही संसाधन मिले और हर नागरिक को बेहतर इलाज मिले। इसी दिशा में चिकित्सा प्रणाली को सुदृढ़ करते हुए प्रदेश सरकार ने पीजी की सीटें 289 से बढ़ाकर 1043 की हैं। इनके अलावा पी.जी. डिप्लोमा की भी 155 सीटें हैं। प्रदेश में डॉक्टरों की कमी को पूरा करने के लिए वर्ष 2014 से अब तक 3,798 डॉक्टरों की भर्ती की गई है। डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की आयु भी 58 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष कर दी है।
सैनी ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा सरकारी अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों और मेडिकल विश्वविद्यालयों में किडनी रोगियों को नि:शुल्क डायलिसिस की सुविधा प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि हर गरीब व्यक्ति को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिले, इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आयुष्मान भारत योजना चलाई, जिसके तहत गरीब परिवार को सालाना 5 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की व्यवस्था की है। हरियाणा में ‘आयुष्मान भारत व चिरायु योजना में लगभग 1 करोड़ 33 लाख से अधिक गरीबों को 5 लाख रुपये तक की निःशुल्क इलाज की सुविधा दी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार डॉक्टर्स-डे का थीम है, ‘मास्क के पीछे देखभाल करने वालों की देखभाल’। यह थीम हमें प्रेरित करती है कि हम डॉक्टरों की केवल पेशेवर सेवाओं के लिए ही नहीं, बल्कि मानव कल्याण के लिए भी सराहना करें। उन्होंने कहा कि हमारी डबल इंजन की सरकार डॉक्टरों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डॉक्टर व मेडिकल स्टाफ पर हमला करने वालों को तीन माह से पांच साल तक की सजा और 50 हजार रुपये से दो लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान करवाया है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मानव सेवा के लिए विभिन्न डॉक्टरों को सम्मानित किया। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने डेराबसी मेडिकल एसोसिएशन की मैगज़ीन का भी विमोचन किया।