प्रकाश कुंज । जयपुर राजस्थान के पुलिस महानिदेशक राजीव शर्मा ने कहा है कि तस्करी न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में सभी रूपों मे एक बहुत बड़ी समस्या है शर्मा शनिवार को राजस्थान पुलिस की मानव तस्करी विरोधी इकाई के 18 और 19 जुलाई को राजस्थान पुलिस अकादमी में आयोजित दो दिवसीय राज्य-स्तरीय सम्मेलन
प्रकाश कुंज । जयपुर राजस्थान के पुलिस महानिदेशक राजीव शर्मा ने कहा है कि तस्करी न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में सभी रूपों मे एक बहुत बड़ी समस्या है
शर्मा शनिवार को राजस्थान पुलिस की मानव तस्करी विरोधी इकाई के 18 और 19 जुलाई को राजस्थान पुलिस अकादमी में आयोजित दो दिवसीय राज्य-स्तरीय सम्मेलन में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस समस्या से निपटने में हमारे प्रयास कम पड़ रहे है लेकिन हमें अपने प्रयासों में सुधार करने की आवश्यकता है।
शर्मा ने बचाव अभियानों के बाद बच्चों के फिर से तस्करी की स्थितियों में लौटने पर चिंता व्यक्त की, जो पुलिस, अन्य सरकारी विभागों और नागरिक समाज संगठनों के बीच और अधिक समन्वय की आवश्यकता को दर्शाता है। उन्होंने विशेष रूप से अंतर्राज्यीय तस्करी से निपटने के लिए एक अंतर-राज्यीय सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाने पर बल दिया।
शर्मा ने संगठित अपराधों, विशेषकर तस्करी के मामलों में गहन जांच पर जोर देते हुए कहा कि क्या हम असली अपराधियों की पहचान कर रहे हैं, या सिर्फ मौके पर पाए गए कुछ व्यक्तियों पर ही आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने इस तरह के मामलों को अदालतों में मजबूती से रखने और सफल अभियोजन सुनिश्चित करने के लिए गहन जांच को आवश्यक बताया।
सम्मेलन में पुलिस महानिदेशक (मानव अधिकार और मानव तस्करी विरोधी इकाई) मालिनी अग्रवाल ने बताया कि यह सम्मेलन गृह मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देशों के अनुरूप राजस्थान पुलिस की मानव अधिकार एवं मानव तस्करी विरोधी शाखा के नेतृत्व में आयोजित किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य मानव तस्करी के उभरते रुझानों को समझना, जांच के तरीकों में सुधार करना, पीड़ितों की पहचान और बचाव, बचे हुए लोगों का प्रभावी पुनर्वास और तस्करों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई लागू करना था।
उन्होंने मानव तस्करी को व्यक्तियों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करने वाला एक गंभीर, संगठित और संज्ञेय अपराध बताया। उन्होंने कहा कि गरीबी इसका मूल कारण है और अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) की 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, मानव तस्करी से वार्षिक लाभ बढ़कर 236 अरब डॉलर हो गया है, जो 2014 के बाद से 37 प्रतिशत है।
सम्मेलन में पुलिस महानिदेशक (इंटेलिजेंस) संजय अग्रवाल ने इस बात पर जोर दिया कि तस्करी सिर्फ बड़े शहरों तक सीमित नहीं है, बल्कि अक्सर छोटे कस्बों और गांवों से शुरू होती है। उन्होंने सड़कों पर भीख मांगने वाले या सामान बेचने वाले बच्चों की पृष्ठभूमि की जांच करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने बताया कि तस्कर अब तकनीक का उपयोग कर रहे हैं, इसलिए पुलिस को भी इन अपराधों का मुकाबला करने के लिए डिजिटल उपकरणों और नवाचार का लाभ उठाना चाहिए।