– बेटी को साक्षी बना,पर्यावरण को बचाने की सोच रख,दम्पत्ति ने लिया देहदान संकल्प प्रकाश कुंज । जगदीश होटल की गली, रामपुरा निवासी नीलेश जैन और उनकी पत्नी अनीता जैन ने अपनी बेटी सलोनी जैन के सामने शाइन इंडिया फाउंडेशन के सदस्यों को घर पर बुलाकर देहदान के बारे में विस्तार से जानकारी ली ।
– बेटी को साक्षी बना,पर्यावरण को बचाने की सोच रख,दम्पत्ति ने लिया देहदान संकल्प
प्रकाश कुंज । जगदीश होटल की गली, रामपुरा निवासी नीलेश जैन और उनकी पत्नी अनीता जैन ने अपनी बेटी सलोनी जैन के सामने शाइन इंडिया फाउंडेशन के सदस्यों को घर पर बुलाकर देहदान के बारे में विस्तार से जानकारी ली ।
देहदान के बारे में जानकारी देते हुए संस्था संस्थापक डॉ कुलवंत गौड़ ने बताया कि,देहदान किसी भी उम्र के व्यक्ति का संभव है, बस यह सुनिश्चित हो कि, दिवंगत का शरीर,चिकित्सकीय दृष्टि से मृत देह छात्रों के अध्ययन के लिए काम आने लायक हो । किसी भी तरह के रक्त के संक्रमण से ग्रसित, एवं शरीर में पीछे बेड सोर होने की स्थिति में देहदान संभव नहीं होता है ।
देहदान का संकल्प पत्र भरना, तब ही सार्थक है,जब परिवार के बाकी सदस्यों को भी देहदान संकल्प लेने की जानकारी हो । साथ ही, यह बात भी जानने योग्य है कि,परिवार में किसी के भी दिवंगत होने पर उनका देहदान बिना संकल्प पत्र भरे हुए भी संभव है ।
निलेश इंश्योरेंस का काम करते हैं, देहदान के संदर्भ में उन्होंने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि, एक व्यक्ति के अंतिम संस्कार में, 5-7 पेड़ों को काटा जाता है, जल और वायु का प्रदूषण होता है, छोटे-छोटे,जीव,जंतु, पक्षी, कीट,पतंग अज्ञानता वश मृत्यु को प्राप्त होते हैं । इसलिए पर्यावरण, और जीव दया की दृष्टि को देखते हुए मैंने अपनी पत्नी के साथ लेकर देहदान का संकल्प लिया है ।
अंत समय पर परिवार की ओर से किसी तरह की कोई रोक ना लगे, इस उद्देश्य से निलेश और अनीता ने अपनी बेटी सलोनी को साक्षी रख, उसको देहदान के संदर्भ में पूरी जानकारी दे दी हैं। ।
ज्ञात हो कि, संस्था के माध्यम से बीते 4 वर्षों में,308 लोगों ने अपना देहदान संकल्प पत्र संस्था शाइन इंडिया फाउंडेशन के साथ भरा हुआ है । संस्था अपने अथक प्रयासों से 40 से अधिक देहदान भी देश भर में करा चुकी है।