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मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का संवेदनशील निर्णय— राजकीय संस्थानों, विद्यालयों और आंगनबाड़ी भवनों की होगी मरम्मत, किसी भी हाल में जर्जर और क्षतिग्रस्त भवनों में संचालित नहीं होंगे विद्यालय, विधायकगण भी स्कूलों की मरम्मत के लिए एमएलए-लेड वार्षिक फंड से दे सकेंगे 20 प्रतिशत तक राशि, पीपलोदी हादसे की नहीं हो पुनरावृति, यह सुनिश्चित करेगी सरकार, हर स्कूल के भवन की होगी जाँच, दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई :उप मुख्यमंत्री डॉ. बैरवा

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का संवेदनशील निर्णय— राजकीय संस्थानों, विद्यालयों और आंगनबाड़ी भवनों की होगी मरम्मत, किसी भी हाल में जर्जर और क्षतिग्रस्त भवनों में संचालित नहीं होंगे विद्यालय, विधायकगण भी स्कूलों की मरम्मत के लिए एमएलए-लेड वार्षिक फंड से दे सकेंगे 20 प्रतिशत तक राशि, पीपलोदी हादसे की नहीं हो पुनरावृति, यह सुनिश्चित करेगी सरकार, हर स्कूल के भवन की होगी जाँच, दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई :उप मुख्यमंत्री डॉ. बैरवा

जयपुर  । उप मुख्यमंत्री एवं राजसमंद जिला प्रभारी मंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने कहा है कि झालावाड़ जिले के पीपलोदी ग्राम में स्थित एक सरकारी विद्यालय की छत गिरने की हृदय विदारक घटना ने पूरे प्रदेश को विचलित कर दिया है। इस दुखद हादसे में प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए राज्य सरकार

जयपुर  । उप मुख्यमंत्री एवं राजसमंद जिला प्रभारी मंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने कहा है कि झालावाड़ जिले के पीपलोदी ग्राम में स्थित एक सरकारी विद्यालय की छत गिरने की हृदय विदारक घटना ने पूरे प्रदेश को विचलित कर दिया है। इस दुखद हादसे में प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह उनके साथ पूरी तरह खड़ी है। मुख्यमंत्री  भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए त्वरित और संवेदनशील निर्णय लिए हैं । घायल बच्चों के इलाज के लिए डॉक्टर्स की विशेष टीम को निर्देशित किया गया है ताकि उन्हें बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल सके ।
सरकार ने इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए राज्यभर में सरकारी भवनों की स्थिति की समीक्षा करते हुए व्यापक कार्ययोजना बनाई है । सभी जिलों में स्कूलों, अस्पतालों तथा अन्य सार्वजनिक भवनों का तत्काल निरीक्षण कर आवश्यक मरम्मत कार्य शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं । इसके साथ ही विशेषज्ञों की एक समिति गठित कर पांच दिनों में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए गए हैं। हाल ही में जिन भवनों की मरम्मत कराई गई है, उनकी गुणवत्ता की जांच की जाएगी और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी । जर्जर एवं असुरक्षित भवनों को तुरंत खाली करवाकर सुरक्षित वैकल्पिक स्थानों पर पुनर्वास और शिक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी ।
राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2024-25 के बजट में भवनविहीन और जर्जर विद्यालयों के लिए 250 करोड़ रुपये तथा वर्ष 2025-26 के बजट में नवीन भवन निर्माण एवं मरम्मत के लिए 375 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है । प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र को मरम्मत कार्यों हेतु 3-3 करोड़ रुपये प्रदान किए जा रहे हैं । आंगनबाड़ी भवनों की मरम्मत के लिए डांग, मगरा एवं मेवात क्षेत्रीय विकास योजना के तहत राशि सीमा को 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है । साथ ही, अब विधायकगण अपने एमएलए-लैड फंड का 20 प्रतिशत तक भाग किसी भी योजना के तहत निर्मित स्कूलों, आंगनबाड़ियों और अन्य राजकीय भवनों की मरम्मत में उपयोग कर सकेंगे । पहले यह सुविधा केवल एमएलए-लैड से निर्मित भवनों तक ही सीमित थी ।
इसके अतिरिक्त, वर्ष 2025-26 के बजट में 5000 आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है । सभी आंगनबाड़ी भवनों के अनिवार्य निरीक्षण की व्यवस्था लागू की जा रही है । सरकार द्वारा सभी सरकारी भवनों की वार्षिक सुरक्षा ऑडिट को अनिवार्य करते हुए इसके लिए एक स्थायी तंत्र एवं विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है । साथ ही, स्कूल प्रबंधन समितियों एवं पंचायतों को प्रशिक्षण देकर भवनों की देखरेख में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी, जिससे भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके और बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा सके ।

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