प्रकाश कुंज । सुकमा छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के दोरनापाल क्षेत्र के पोलमपल्ली- पालामडगु गांव तक छह किमी सड़क एवं दो जगह में पुलियों का निर्माण की जरूरत है, लेकिन सड़क और पुल-पुलियों का निर्माण नहीं होने से आज भी यहां की ग्रामीणों को पगडंडी सड़क और नदी नालों को पार कर मुख्यालय तक पहुंचाना
प्रकाश कुंज । सुकमा छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के दोरनापाल क्षेत्र के पोलमपल्ली- पालामडगु गांव तक छह किमी सड़क एवं दो जगह में पुलियों का निर्माण की जरूरत है, लेकिन सड़क और पुल-पुलियों का निर्माण नहीं होने से आज भी यहां की ग्रामीणों को पगडंडी सड़क और नदी नालों को पार कर मुख्यालय तक पहुंचाना पड़ रहा है।
ग्रामीणों ने बताया कि पिछले वर्ष गांव तक सड़क बनाने के नाम से मिट्टी डालकर छोड़ दिया गया है, बारिश होने से इस सड़क पर चलना भी मुश्किल हो रहा है क्योंकि सड़क पूरी तरह से कीचड़ और गड्ढे में तब्दील हो चुकी है।
ग्रामीणों ने बताया कि इसी रास्ते पर दो जगह पर नदी है, बारिश के चार माह ग्रामीणों को आने-जाने में मुश्किल हो जाता है क्योंकि कई बार अधिक बारिश होने से यह गांव पूरी तरह से मुख्य मार्ग से कट जाता है। फिर यहां की ग्रामीण नदी का पानी कम होने का इंतजार करते हैं जिसके बाद आवागमन शुरू हो पता है।
यह सिलसिला सालों से बना हुआ है, ग्रामीणों ने मांग की है कि शासन – प्रशासन गांव तक जाने के लिए जल्दी सड़क एवं पुल-पुलिया का निर्माण करें, ताकि उनकी समस्याओं का निराकरण हो सके। वही दोनों नदी में करीब 15 से 20 मीटर पुल की आवश्यकता है। ये सड़क ग्राम कोलईगुड़ा, जग्गवारम, डब्बाकोंटा होते हुए किस्टाराम को जोड़ता है पंचायत में एक दर्जन गांव सपर्क टूट जाता है।
ग्रामीण नंदू ने बताया कि पोलमपल्ली से हमारे गांव पालामडगु तक सड़क एवं दो जगह में पुलियों का निर्माण नहीं होने से हम लोगों को बारिश में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बारिश के के चार माह नदी को पर कर अपने दैनिक जरूरत के सामान लेने के लिए पोलमपल्ली या जिला मुख्यालय जाना पड़ता है। हमारी मांग है कि सरकार इस ओर ध्यान दें गांव तक सड़क, पुल-पुलिया का निर्माण करें। हम लोगों को भी आवागमन की सुचारू सुविधा मिल सके।
पालामडगू पंचायत की आबादी दो हजार के करीब है, गांव में छह आंगनबाड़ी, पांच स्कूल है, जिसमें तीन प्राथमिक शाला व दो माध्यमिक शालायें है। प्राथमिक स्वस्थ्य केंद्र नहीं है, जिसके वजह से यहां के लोगों को बारिश के दिनों में अगर कहीं रास्ता बंद हो जाता है। ग्रामीण का इलाज करने के लिए दिक्कत का सामना करना पड़ता है। ग्रामीणों को का सुविधा के लिए पोलमपल्ली या फिर कांकेरलंका जाना पड़ता है। इस इलाके की स्कूल में पदस्थ शिक्षक भी इसी रास्ते से नदी पार कर स्कूल जाते हैं, अधिक बारिश होने से शिक्षकों की जाने में भी मुश्किल हो जाती है।
जिला कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव बताया कि आपके माध्यम से पोलमपल्ली- पालामडगु मार्ग के जांच के लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों को भेजा जाएगा। उसके बाद आगे उचित कार्रवाई की जाएगी।