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दक्षिणी दुनिया के देश अब विश्व मंच पर उभर रहे हैं :मोदी

दक्षिणी दुनिया के देश अब विश्व मंच पर उभर रहे हैं :मोदी

प्रकाश कुंज ।  पोर्ट आफ स्पेन  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि दक्षिणी दुनिया के देश अब विश्व मंच पर उभर रहे हैं और वह एक अधिक न्याय पूर्ण वैश्विक व्यवस्था देखना चाहते हैं। मोदी ने यह भी कहा कि भारत-दक्षिण के देश के हितों को हमेशा प्राथमिकता देता रहेगा। मोदी यहां त्रिनिदाद

प्रकाश कुंज ।  पोर्ट आफ स्पेन  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि दक्षिणी दुनिया के देश अब विश्व मंच पर उभर रहे हैं और वह एक अधिक न्याय पूर्ण वैश्विक व्यवस्था देखना चाहते हैं।

मोदी ने यह भी कहा कि भारत-दक्षिण के देश के हितों को हमेशा प्राथमिकता देता रहेगा।

मोदी यहां त्रिनिदाद एवं टोबैगो के सांसद के विशेष सत्र को संबोधित कर रहे थे जो उनके सम्मान में आयोजित किया गया था।

मोदी ने कहा,“हम अपने विकास को दूसरों के प्रति जिम्मेदारी के रूप में देखते हैं और हमारी प्राथमिकता हमेशा वैश्विक दक्षिण रहेगी।” उन्होंने कहा,“वैश्विक दक्षिण उभर रहा है। दक्षिण के देश एक नई और अधिक न्यायपूर्ण विश्व व्यवस्था देखना चाहते हैं।”

त्रिनिदाद एवं टोबैगो की सीनेट के अध्यक्ष वेड मार्क और जन प्रतिनिधियों के सदन के अध्यक्ष जगदेव सिंह के निमंत्रण पर श्री मोदी ने संसद की संयुक्त सभा को संबोधित किया। वह इस कैरेबियाई देश की संसद को संबोधित करने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं । यह अवसर भारत-त्रिनिदाद और टोबैगो के द्विपक्षीय संबंधों में एक मील का पत्थर के रूप में देखा जा रहा है है।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के सदस्यों को विशेष शुभकामनाएं दीं। उन्होंने उन्हें त्रिनिदाद और टोबैगो का सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान देने के लिए देश के लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया। भारतीय लोकतंत्र की जीवंतता के बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की जननी के रूप में भारत ने इसे अपनी संस्कृति और जीवन का अभिन्न अंग बना लिया है।

उन्होंने कहा कि इस दृष्टिकोण ने भारत की विविधता को फलने-फूलने और समृद्ध होने तथा सभी विचारों को सह-अस्तित्व में रहने एवं संसदीय प्रवचनों व सार्वजनिक बहसों को समृद्ध करने की अनुमति दी है।

प्रधानमंत्री ने त्रिनिदाद और टोबैगो के लोगों को उसकी सफल लोकतांत्रिक यात्रा के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि भारत को स्वतंत्रता के मार्ग पर टीएंडटी के लोगों के साथ एकजुटता से खड़े होने का सौभाग्य मिला है।

उन्होंने कहा कि आधुनिक राष्ट्रों के रूप में दोनों देशों के बीच गहरे संबंध और मजबूत हुए हैं। उन्होंने दोनों लोकतंत्रों के बीच घनिष्ठ संबंधों को रेखांकित करते हुए कहा कि भारत की ओर से उपहार में दी गई अध्यक्ष की कुर्सी में यह धनिष्ठा सटीक रूप से परिलक्षित होती है।

प्रधानमंत्री ने द्विपक्षीय संसदीय आदान-प्रदान को और बढ़ाने का आह्वान किया।
सदन में महिला सांसदों की महत्वपूर्ण उपस्थिति पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्होंने संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने के लिए भारत द्वारा उठाए गए ऐतिहासिक कदम पर प्रकाश डाला। उन्होंने भारत में जमीनी स्तर पर नेतृत्व करने वाली महिला नेताओं के बारे में भी विस्तार से बताया और इस संदर्भ में, देश में स्थानीय शासन संस्थानों को सशक्त बनाने वाली 15 लाख निर्वाचित महिलाओं का उल्लेख किया।

प्रधानमंत्री ने मानवता के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने वैश्विक समुदाय से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने का आह्वान किया और कहा कि आतंकवाद शांतिप्रिय समाज के लिए गंभीर खतरा है।

उन्होंने वैश्विक शासन में सुधार और वैश्विक दक्षिण को उसका हक दिए जाने का आह्वान किया। उन्होंने भारत-कैरिकॉम संबंधों को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई।
अपने संबोधन में त्रिनिदाद में भारतीयों के आगमन के 180 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध सदियों पुराने बंधनों पर आधारित हैं तथा ये संबंध और भी प्रगाढ़ तथा समृद्ध होते रहेंगे।

मोदी पांच देशों की अपनी यात्रा के दूसरे चरण में गुरुवार देर रात घाना से त्रिनिदाद- टोबैगो की राजधानी पोर्ट ऑफ स्पेन पहुंचे। त्रिनिदाद व टोबैगो के दो दिन के प्रवास के बाद अब मोदी दक्षिण अमेरिकी देश अर्जेंटिना की यात्रा पर जायेंगे।

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