जयपुर । राज्य सरकार ने खान विभाग की विभागीय बकाया एवं ब्याज माफी योजना जारी कर अप्रधान खानधारकों, क्वारी लाइसेंसधारकों, आरसीसी-ईआरसीसी ठेका धारकों, एसटीपी व निर्माण विभाग के बकायादारों को मूलधन में स्लेब अनुसार व ब्याज में शतप्रतिशत की छूट देते हुए बड़ी राहत दी है । मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से अप्रधान खान लीजधारकों व
जयपुर । राज्य सरकार ने खान विभाग की विभागीय बकाया एवं ब्याज माफी योजना जारी कर अप्रधान खानधारकों, क्वारी लाइसेंसधारकों, आरसीसी-ईआरसीसी ठेका धारकों, एसटीपी व निर्माण विभाग के बकायादारों को मूलधन में स्लेब अनुसार व ब्याज में शतप्रतिशत की छूट देते हुए बड़ी राहत दी है ।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से अप्रधान खान लीजधारकों व माइंस एसोसिएशनों के पदाधिकारियों द्वारा बकाया राशि की माफी योजना लागू करने की लगातार मांग की जाती रही है। मुख्यमंत्री एवं खान मंत्री श्री भजन लाल शर्मा ने खानधारकों द्वारा की जा रही मांग देखते हुए बड़़ी राहत दी है ।
मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के इस निर्णय से जहां संबंधित खानधारकों को राहत मिलेगी वहंी बकाया राजस्व की वसूली व वसूली प्रयासों में लगने वाले अनावश्यक समय व धन की बचत होगी । वसूली कार्य में नियोजित मानव संसाधन का प्रोडक्टिव कार्यों में उपयोग होगा ।
राज्य सरकार ने बजट घोषणा 2025 में खान विभाग की बकाया एवं ब्याजमाफी योजना के क्रियान्वयन में योजना जारी कर दी है । यह योजना 31 मार्च, 24 तक के बकाया मूलधन व ब्याज पर लागू होगी । योजना 31 दिसंबर, 2025 तक प्रभावी रहेगी ।
प्रमुख सचिव खान एवं भूविज्ञान टी. रविकान्त ने बताया कि योजना को व्यावहारिक बनाने के साथ ही इसका दायरा भी बढ़ाया गया है । पहली बार अप्रधान खनिज की प्रभावी, खण्डित, अध्यर्पित, अवधि समाप्त खनिज रियायतों यथा खनन पटटा, क्वारी लाईसेंस, ईंट मिटटी परमिट, बजरी खनन हेतु जारी अस्थाई कार्यानुमति के रियायत धारकों द्वारा माईनिंग प्लान, पर्यावरण स्वीकृति, कन्सेन्ट टू ऑपरेट से अधिक उत्पादन दोष तथा किसी निर्णय के कारण खनिज रियायत को नल एण्ड वॉइड घोषित किए जाने पर घोषित करने की तिथि से पूर्व की अवधि में खनिज निर्गमन को अवैध निर्गमन मानकर कायम की गई शास्ति की 31.03.2024 तक की बकाया का 20 प्रतिशत मूलराशि जमा करने पर शेष बकाया राशि एवं सम्पूर्ण ब्याज राशि माफ की जावेगी ।
डीएमएफटी की दिनांक 31.03.2024 तक की मूल बकाया जमा कराने पर सम्पूर्ण ब्याज राशि माफ की जावेगी ।
खण्डित एवं अवधि समाप्त खनन पट्टों, क्वारी लाइसेंस, बजरी हेतु जारी अस्थाई कार्यानुमति, एसटीपी व ईंट भट्टा परमिटों की बकाया के प्रकरणों में 31 मार्च, 1990 तक के बकाया की 5 प्रतिशत मूलराशि जमा कराने, 1 अप्रेल, 90 से 31 मार्च, 2000 तक के बकाया की 15 प्रतिशत, 1 अप्रेल, 2000 से 31 मार्च, 2010 तक के बकाया की 35 प्रतिशत, 1 अप्रेल, 2010 से 31 मार्च, 2020 तक के बकाया कि 45 प्रतिशत और 1 अप्रेल 2020 से 31 मार्च, 2024 तक की बकाया राशि की 60 प्रतिशत मूल राशि जमा कराने पर शेष मूलराशि और समस्त ब्याजराशि की छूट दी गई है ।
आर.सी.सी.-ई.आर.सी.सी. ठेकों की बकाया मामलों में 31 मार्च, 2010 तक खंडित ठेकों में 30 प्रतिशत मूल बकाया और पूर्ण ठेका अवधि पूरी करने वाले ठेकों में 40 प्रतिशत मूल बकाया राशि जमा कराने पर शेष मूल बकाया और समस्त ब्याजराशि की छूट दी गई है ।
एक अप्रेल, 2010 से 31 मार्च 2024 तक के खंडित ठेकों में 40 प्रतिशत एवं पूर्ण अवधि तक प्रभावशील ठेकों में 50 प्रतिशत बकाया मूलराशि जमा कराने पर शेष मूलराशि व संपूर्ण ब्याजराशि की छूट दी गई है ।
रियायतधारकों द्वारा स्वीकृत क्षेत्र से खनिज के बिना रवन्ना, रवन्नाओं का किसी भी तरह से दुरूपयोग कर निर्गमन करने के मामलों में 31 मार्च, 2021 तक के मामलों में 10 प्रतिशत और एक अप्रेल, 2021 से 31 मार्च, 2024 तक बकाया मूल राशि की 15 प्रतिशत राशि जमा कराने पर शेष मूलराशि और समस्त बकाया ब्याज की छूट दी गई है ।
स्वीकृत क्षेत्र के बाहर किये गये अवैध खनन अथवा ईंट मिट्टी परमिट धारक द्वारा परमिट अवधि समाप्ति पश्चात किये गये अवैध खनन के प्रकरणों में 31 मार्च, 2021 तक के बकाया की 15 प्रतिशत और एक अप्रेल, 2021 से 31 मार्च, 2024 तक की बकाया की 25 प्रतिशत मूलराशि जमा कराने पर शेष मूलराशि और समस्त ब्याज राशि की छट दी गई है ।
आरएसएमईटी, एनजीटी, सक्षम न्यायालय द्वारा निर्धारित की गई शास्ति राशि या अन्य राशि पर ये योजना लागू नहीं होगी। किसी न्यायालय अथवा अपील, रिवीजन में लम्बित प्रकरणों में बाकीदार द्वारा सम्बन्धित न्यायालय से वाद विड्रॉ करने और अण्डरटेकिंग देने पर विचार किया जा सकेेगा ।
योजना तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई है। योजना का क्रियान्वयन संबंधित एमई, एएमई के कार्यालय में होगा और वित्तीय सलाहकार खान विभाग स्तर पर नियमित मॉनिटरिंग की जाएगी ।