जयपुर । जिला परिषद सभागार में मंगलवार को सिविल रजिस्ट्रेशन प्रणाली के अंतर्गत जन्म-मृत्यु पंजीयन पर जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यालय संयुक्त निदेशक, आर्थिक एवं सांख्यिकी के तत्वाधान में आयोजित कार्यशाला मे जिले की समस्त पंचायत समिति के ब्लॉक नोडल अधिकारी (जन्म-मृत्यु), ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय एवं नगर पालिका एवं नगर
जयपुर । जिला परिषद सभागार में मंगलवार को सिविल रजिस्ट्रेशन प्रणाली के अंतर्गत जन्म-मृत्यु पंजीयन पर जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यालय संयुक्त निदेशक, आर्थिक एवं सांख्यिकी के तत्वाधान में आयोजित कार्यशाला मे जिले की समस्त पंचायत समिति के ब्लॉक नोडल अधिकारी (जन्म-मृत्यु), ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय एवं नगर पालिका एवं नगर परिषद मे जीवनांक से संबंधित कार्य कर रहे कार्मिक एवं अधिकारियों ने भाग लिया।
सरकार ने जन्म- मृत्यु पंजीयन से संबंधित सेवाओं को राजस्थान लोक सेवा गारंटी अधिनियम, 2011 के तहत दी जाने वाली सेवा में शामिल किया है। ऐसे में इसकी मुख्य सचिव द्वारा नियमित समीक्षा की जाती है। इस दौरान जिला रजिस्ट्रार एवं संयुक्त निदेशक, बाबू लाल मीना एवं सहायक निदेशक डॉ. सुदीप कुमावत, जयपुर कलेक्ट्रेट ने सभी रजिस्ट्रारों को सरकार द्वारा निर्धारित समय अवधि मे आमजन को प्रमाण पत्र जारी करने हेतु पाबंद किए जाने के निर्देश प्रदान किए जिससे आमजन को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो। जन्म-मृत्यु व विवाह पंजीकरण में आने वाली सभी समस्याओं पर विस्तार से प्रकाश डाला और समस्याओं का मौके पर ही समाधान किया।
जन्म मृत्यु अधिनियम 1969 में बदलाव कर 1 अक्टूबर 2023 से नया नियम बनाया है। जिसके तहत सात दिवस में रजिस्ट्रार व उप रजिस्ट्रार द्वारा जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र जारी नहीं करने पर 250 रुपए का जुर्माना व संस्था द्वारा जन्म व मृत्यु की जानकारी नहीं देने पर एक हजार का रुपए का जुर्माने का प्रावधान किया गया है। यदि कोई रजिस्ट्रार निर्धारित अवधि मे प्रमाण पत्र जारी नहीं करता है, तो आमजन जिला रजिस्ट्रार व मुख्य रजिस्ट्रार को अपील कर सकता है ।