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डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय ने हल्दी की नई प्रभेद ‘राजेन्द्र सोनिया’ विकसित की

डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय ने हल्दी की नई प्रभेद ‘राजेन्द्र सोनिया’ विकसित की

प्रकाश कुंज ।  बिहार में समस्तीपुर जिले के पूसा स्थित डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय ने हल्दी की नई प्रभेद ‘राजेन्द्र सोनिया’ विकसित की है, जिसकी देशभर मे मांग की जा रही है । विश्वविद्यालय के कुलपति डा.पी.एस.पाण्डेय ने आज यहां बताया कि वैज्ञानिकों द्वारा विकसित हल्दी के इस नये प्रभेद मे सबसे अधिक

प्रकाश कुंज ।  बिहार में समस्तीपुर जिले के पूसा स्थित डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय ने हल्दी की नई प्रभेद ‘राजेन्द्र सोनिया’ विकसित की है, जिसकी देशभर मे मांग की जा रही है ।

विश्वविद्यालय के कुलपति डा.पी.एस.पाण्डेय ने आज यहां बताया कि वैज्ञानिकों द्वारा विकसित हल्दी के इस नये प्रभेद मे सबसे अधिक औषधीय गुणवत्ता पायी गयी है, जो गंभीर बीमारियों में फायदा पहुंचाती है। उन्होंने बताया कि यह एंटीऑक्सीडेंट,एंटी इन्फ्लेमेटरी के साथ-साथ कैंसर सेल रोधी भी होती है।

पाण्डेय ने बताया कि औषधीय मात्रा के कारण राजेन्द्र सोनिया हल्दी की मांग देश भर के किसानों द्वारा की जा रही है, जिससे वे इसे बीज के रूप में लेकर अपने क्षेत्रों में भी उत्पादन कर सकें।

कुलपति ने कहा कि कार्यभार संभालने के बाद ही उन्होंने वैज्ञानिकों को राजेन्द्र सोनिया के तत्वों के वर्गीकरण के निर्देश दिए थे। वर्गीकरण के दौरान इसमें कुर्कुमिन समेत विभिन्न लाभदायक तत्वों की मात्रा की पहचान की गई। उन्होंने कहा कि समस्तीपुर जिला हल्दी उत्पादन के क्षेत्र मे अच्छी खेती के लिए जाना जाता है । इसके उत्पादन से किसानों को अधिक मुनाफा हो रहा है ।
विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डॉ ए.के. मिश्रा ने बताया कि खरीफ सीजन 2025 मे विश्वविद्यालय द्वारा तीन सौ 47 क्विंटल से अधिक हल्दी की इस नये प्रभेद की बिक्री की गई है ।

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