प्रकाश कुंज । मध्यप्रदेश के मुरैना जिले की एक अदालत ने आठ अभियुक्तों को हत्या और हत्या के प्रयास के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनायी है। अभियोजन के अनुसार 7 अगस्त 2019 को जौरा क्षेत्र में बिलगांव के पास जनपद पंचायत जौरा के एडीईओ शिवचरन शाक्य की गोली मारकर हत्या और जनपद पंचायत
प्रकाश कुंज । मध्यप्रदेश के मुरैना जिले की एक अदालत ने आठ अभियुक्तों को हत्या और हत्या के प्रयास के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनायी है।
अभियोजन के अनुसार 7 अगस्त 2019 को जौरा क्षेत्र में बिलगांव के पास जनपद पंचायत जौरा के एडीईओ शिवचरन शाक्य की गोली मारकर हत्या और जनपद पंचायत समन्वयक सहित एक अन्य पर कातिलाना हमला किए जाने के मामले में विशेष न्यायाधीश (एट्रोसिटी एक्ट) मुरैना ने 8 अभियुक्तों रामकिशोर, शिवराज, राजेश, रामराज, मुकेश, प्रदीप, सुरेन्द्र और रवि को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास और अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। न्यायालय ने अपर्याप्त साक्ष्य होने पर तीन अभियुक्तों को दोषमुक्त कर दिया।
जनसंपर्क अधिकारी अभियोजन इन्द्रेश कुमार प्रधान के अनुसार जपं जौरा के एडीईओ शिवचरन शाक्य, समन्वयक जगन्नाथ सिकरवार 7 अगस्त 2019 को नंदपुरा गांव में खरंजा निर्माण को लेकर मिली शिकायत की जांच करने गए थे। जांच करने के बाद वे जीप से जौरा लौट रहे थे। वाहन में उनके साथ शिकायतकर्ता सुभाष सिकरवार, सतेन्द्र सिकरवार भी थे। वाहन को सुभाष का पुत्र सौरभ चला रहा था। शाम को बिलगांव के पास दो जीप ने उनके वाहन को आगे-पीछे से घेर लिया। इसके बाद दोनों वाहनों में सवार रामराज, रामकिशोर, प्रदीप सिकरवार, शिवराज सिकरवार ने बंदूक एवं कट्टों से फायरिंग करना शुरू कर दी। रामकिशोर की गोली लगने से जपं एडीईओ शिवचरन शाक्य की मौत हो गई। जबकि फायरिंग में सुभाष, जगन्नाथ गोली लगने से जख्मी हो गए थे।
घटना को लेकर पुलिस ने सुभाष सिकरवार की रिपोर्ट पर 12 लोगों के विरुद्ध हत्या और हत्या का प्रयास एवं एट्रोसिटी एक्ट की धाराओं में अपराध दर्ज किया था। अभियोजन की ओर से पेश किए गए साक्ष्यों एवं तर्कों के आधार पर न्यायालय ने 8 आरोपियों को दोषी माना, उन्हें आजीवन कारावास, अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। जबकि अपर्याप्त साक्ष्य को लेकर 3 आरोपी दोषमुक्त कर दिए गए। जबकि एक अन्य आरोपी अब तक फरार है।