जयपुर । राज्य सरकार द्वारा किसानों को ई-नाम एवं ई-पेमेंट को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से लागू की गई कृषक उपहार योजना के तहत चयनित कृषकों को नगद पुरस्कार प्रदान किए गए। कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के शासन सचिव श्री राजन विशाल ने शुक्रवार को पंत कृषि भवन मे राज्य स्तरीय ऑन-लाइन लॉटरी के माध्यम
जयपुर । राज्य सरकार द्वारा किसानों को ई-नाम एवं ई-पेमेंट को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से लागू की गई कृषक उपहार योजना के तहत चयनित कृषकों को नगद पुरस्कार प्रदान किए गए। कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के शासन सचिव श्री राजन विशाल ने शुक्रवार को पंत कृषि भवन मे राज्य स्तरीय ऑन-लाइन लॉटरी के माध्यम से चयनित किसानों को पुरस्कार स्वरूप चेक वितरित कर सम्मानित किया।
योजना के तहत कृषि उपज मण्डी कोटा के कृषक गोलू (मनजीत सिंह) के 2 लाख 50 हजार रूपये का प्रथम पुरस्कार, हनुमानगढ मण्डी के कृषक ओम प्रकाश के 1 लाख 50 हजार रूपये का द्वितीय पुरस्कार और कोटा कृषि उपज मंडी मण्डी के कृषक रामभरोस के 1 लाख रूपये का तृतीय पुरस्कार निकला था। जिन्हें शासन सचिव कृषि एवं उद्यानिकी द्वारा चेक वितरित कर सम्मानित किया गया।
इन किसानों को उनके राज किसान पोर्टल पर पंजीकृत ई-नाम और ई-पेमेंट आधारित विक्रय लेनदेन के आधार पर राज्य स्तरीय ऑन-लाइन लॉटरी प्रक्रिया से चयनित किया गया।
शासन सचिव ने इस अवसर पर किसानों को बधाई देते हुए कहा कि कृषक उपहार योजना न केवल किसानों को डिजिटलीकरण की ओर प्रोत्साहित करती है, बल्कि उन्हें पारदर्शिता व समय पर भुगतान का लाभ भी सुनिश्चित करती है। उन्होंने मंडी समितियों और अधिकारियों को निर्देशित किया कि अधिक से अधिक किसानों को इस योजना से जोड़े ताकि वे इसका लाभ ले सकें।
कृषक उपहार योजना के अंतर्गत राज्य में ई-नाम पोर्टल के माध्यम से कृषि उपज का ऑनलाईन विक्रय और ई-पेमेंट के माध्यम से भुगतान प्राप्त करने वाले किसानों को प्रोत्साहित किया जाता है। योजना के तहत पुरस्कार मण्डी स्तर पर प्रत्येक 6 महीने में गेट पास की विक्रय पर्चियों तथा ई-पेमेन्ट की विक्रय पर्चियों के आधार पर अलग-अलग प्रथम पुरस्कार 25 हजार, द्वितीय 15 हजार और तृतीय 10 हजार रूपये के ईनाम दिये जाते है।
खण्ड स्तर पर प्रत्येक 6 महीने में 50 हजार रूपये, 30 हजार रूपये और 20 हजार रूपये प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय पुरस्कार के तौर पर दिये जाते है। साथ ही राज्य स्तर पर वर्ष में एक बार प्रथम पुरस्कार 2 लाख 50 हजार, द्वितीय पुरस्कार 1 लाख 50 हजार और तृतीय पुरस्कार 1 लाख रूपये के दिये जाते है।
पुरस्कार प्राप्त करने वाले किसानों को संबंधित मंडी समिति द्वारा राशि का भुगतान किया जाता है, जिसके पश्चात मंडी समिति राजस्थान राज्य कृषि विपणन बोर्ड से पुनर्भरण प्राप्त करती है।
यह योजना राज्य सरकार के डिजिटल और पारदर्शी कृषि विपणन की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य किसानों को उनकी उपज का अधिकतम लाभ दिलाना और उन्हें आधुनिक तकनीकों से जोड़ना है।
इस अवसर पर संयुक्त सचिव वित विभाग डॉ. भारती दीक्षित, निदेशक कृषि विपणन विभाग राजेश कुमार चौहान, निदेशक फसलोत्तर प्रबंधन रविन्द्र कुमार शर्मा, योजना प्रभारी प्रमोद कुमार सत्या सहित विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे।