जयपुर, (ब्यूरो): वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ देशभर में चल रहे विरोध-प्रदर्शन के बीच गुरुवार को राजधानी जयपुर में जॉइंट कमेटी तहफ़्फुज ए औकाफ, राजस्थान कमेटी ने संवाददाता सम्मेलन का आयोजन कर कानून का विरोध किया। आयोजकों ने केंद्र सरकार को चेताया कि यदि वक्फ संशोधन कानून को वापस नहीं लिया गया तो आंदोलन तेज
जयपुर, (ब्यूरो): वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ देशभर में चल रहे विरोध-प्रदर्शन के बीच गुरुवार को राजधानी जयपुर में जॉइंट कमेटी तहफ़्फुज ए औकाफ, राजस्थान कमेटी ने संवाददाता सम्मेलन का आयोजन कर कानून का विरोध किया। आयोजकों ने केंद्र सरकार को चेताया कि यदि वक्फ संशोधन कानून को वापस नहीं लिया गया तो आंदोलन तेज किया जाएगा, जिसकी समस्त जिम्मेदारी सरकार की होगी।
पत्रकारों से रूबरू होते हुए
मुस्लिम प्रोग्रसिव फेडरेशन के संस्थापक संयोजक अब्दुल सलाम जौहर ने कहा कि किसान आंदोलन के सामने केंद्र सरकार को झुकना पड़ा और कानून वापस लिया, तो वक्फ संशोधन कानून जो कि मुसलमानों के खिलाफ है इसे वापस क्यों नहीं लिया जा सकता? उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार जब तक कानून वापस नहीं लेगी आंदोलन किया जाएगा। वहीं उन्होंने सभी से आंदोलन का हिस्सा बनने का आह्वान किया।
जॉइंट कमेटी तहफ़्फुज ए औकाफ, राजस्थान संयोजक मुहम्मद नाजिमुद्दीन ने कहा कि केंद्र सरकार को हर धर्म, संप्रदाय, वर्ग एवं जाति के संवैधानिक अधिकारों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और ना ही संवौधानिक प्रदत्त मूल अधिकारों का हनन करना चाहिए। सरकार ने वक्फ संपत्तियों के संदर्भ में जनता के संवैधानिक अधिकारों का हनन किया है। जिसका विरोध देशभर में हो रहा है। उन्होंने कहा कि विरोध की इस कड़ी में पहले चरण के कार्यक्रमों में एक पूरा सप्ताह 11-18 अप्रैल तक ‘वक्फ बचाओ’ अभियान के रूप में मनाया जाएगा। इस दौरान विभिन्न कार्य किए जाएंगे। इसी क्रम में दिल्ली में विभिन्न धर्मों और उनके वक्फ संस्थानों के जिम्मेदार लोगों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की जाएगी।
जमीयतुल उलेमा-ए-हिन्द के प्रदेश उपाध्यक्ष हाफिज मंजूर अली खान ने कहा कि हम संसद द्वारा पारित वक्फ संशोधनों को इस्लामी परंपराओं, धर्म और शरीयत, धार्मिक एवं सांस्कृतिक स्वतंत्रता, धार्मिक सौहार्द्र, सांप्रदायिक एकता और भारतीय संविधान के मूल ढांचे पर एक घातक हमला मानते है। जिन राजनीतिक दलों ने इस सांप्रदायिक योजना में भाजपा का साथ दिया उनकी तथाकथित धर्मनिरपेक्षता की नकाब पूरी तरह उतर चुकी है। सभी धार्मिक, सामुदायिक और सामाजिक संगठनों को साथ लेकर इन संशोधनों के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन तब तक चलाया जाएगा जब तक कि इन्हें पूरी तरह से वापस नहीं ले लिया जाता।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना महूद कासमी ने कहा कि मिल्लत के लोगों को हताश या निराश होने की जरूरत नहीं है। उनका नेतृत्व इस मामले में किसी भी प्रकार के बलिदान से पीछे नहीं हटेगा और देश की सभी न्यायप्रिय ताकतों को साथ लेकर संवैधानिक दायरे में इन काले कानूनों के खिलाफ मजबूत आंदोलन चलाएगा और शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीकों से विरोध-प्रदर्शन भी करेगा। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कानूनी मार्ग अपनाकर वक्फ कानून में सरकार द्वारा किए गए अन्यायपूर्ण संशोधनों को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती भी दी है।
वेलफेयर पार्टी आॅफ इंडिया के प्रदेशाध्यक्ष वकार अहम ने कहा कि प्रत्येक राज्य की राजधानी और जिला स्तर पर भी मुस्लिम नेतृत्त्व द्वारा समयानुसार उचित लोकतांत्रिक ढंग से विरोध-प्रदर्शन व धरनों का आयोजन किया जाएगा। धरनों के समापन पर राष्ट्रपति व गृहमंत्री को जिलाधिकारी और कलेक्टर के माध्यम से ज्ञापन सौंपे जाएंगे।
आॅल इंडिया जमीयतुल कुरैश के प्रदेशाध्यक्ष नईमुद्दीन कुरैशी ने कहा कि दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद, बेंगलुरु, विजयवाड़ा, पटना, रांची, मालेरकोटला, जयपुर और लखनऊ में बड़े विरोध-प्रदर्शन किए जाएंगे। इस आंदोलन की शुरुआत दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में 22 अप्रैल को एक बड़ी जनसभा से होगी। पहले चरण के ये सभी कार्यक्रम 7 जुलाई तक जारी रहेंगे, इसके बाद आगे की रणनीति तय जाएगी।
दलित मुस्लिम एकता मंच के अध्यक्ष अब्दुल लतीफ आरको ने कहा कि वक्फ संशोधन कानून केंद्र सरकार को हर हाल में वापस लेना होगा। उन्होंने बताया कि आंदोलन की इस कड़ी में तहफ्फुजे औकाफ कारवां, बत्ती गुल तहरीक, जिला स्तरीय धरने, बड़े शहरों में धरने, अभियान, अन्य धर्मों के औकाफ के अधिकारियों के साथ बातचीत, महिलाओं के अभियान आदि कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा।
वक्फ कानून की पहले वाली स्थिति बहाल हो : सिद्दू
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की नेता निशा सिद्दू ने सभी देश वासियों से विशेष रूप से युवाओं से अपील की कि वे धैर्य, संयम और दृढ़ता के साथ अपने रुख पर अडिग रहें। हमारा यह अभियान किसी धर्म या वर्ग के खिलाफ न होकर सरकार के खिलाफ है जिसका उद्देश्य सरकार पर दबाव बनाकर वक्फ कानून की पहले वाली स्थिति को बहाल करवाना है। राजस्थान में ज्वाइंट कमेटी तहफ्फुजे औकाफ, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से चलाए जा रहे आन्दोलन में हम भरपूर सहयोग करेंगे और इस अभियान के तहत तय किए गए कार्यक्रमों को पूरे प्रदेश में चलाया जाएगा।
इस मौके पर सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. शहाबुद्दीन, एपीसीआर के प्रदेशाध्यक्ष एडवोकेट सैयद सआदत अली, राजस्थान बोर्ड ऑफ मुस्लिम वक्फ्स के सदस्य एडवोकेट शाहिद हसन, मिल्ली काउंसिल के एडवोकेट मुजाहिद नकवी, वरिष्ठ समाजसेवी टीसी राहुल, डॉ. दशरथ सिंह, मोहन बैरवा आदि उपस्थित रहे।
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