प्रकाश कुंज । ब्यूनस आयर्स/न/ दिल्ली अर्जेन्टीना की यात्रा पर आये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार रात यहां अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली के साथ द्विपक्षीय वार्ता में व्यापार, महत्वपूर्ण खनिजों, ऊर्जा, अंतरिक्ष, रक्षा, स्टार्टअप, कृषि और फार्मा में सहयोग के नए क्षेत्रों संभावनाओं पर चर्चा की। अर्जेन्टीना के राष्ट्रपति के कासा रोसाडा कार्यालय में
प्रकाश कुंज । ब्यूनस आयर्स/न/ दिल्ली अर्जेन्टीना की यात्रा पर आये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार रात यहां अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली के साथ द्विपक्षीय वार्ता में व्यापार, महत्वपूर्ण खनिजों, ऊर्जा, अंतरिक्ष, रक्षा, स्टार्टअप, कृषि और फार्मा में सहयोग के नए क्षेत्रों संभावनाओं पर चर्चा की।
अर्जेन्टीना के राष्ट्रपति के कासा रोसाडा कार्यालय में हुई बैठक को सार्थक बताते हुए मोदी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, “ अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली के साथ शानदार बैठक हुयी। हम भारत-अर्जेंटीना राजनयिक संबंधों के 75 साल पूरे होने और अपने संबंधों को रणनीतिक साझेदारी में बदलने के पांच साल पूरे होने के अवसर को मना रहे हैं। हमने अपने द्विपक्षीय संबंधों में महत्वपूर्ण प्रगति की है, लेकिन हम इस बात पर सहमत हैं कि आगे की यात्रा और भी अधिक आशाजनक है!”
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति माइली के साथ व्यापारिक संबंधों, कृषि, रक्षा, सुरक्षा, ऊर्जा और अन्य क्षेत्रों में सहयोग का दायरा बढाने के तरीकों पर चर्चा हुयी। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच फार्मास्यूटिकल्स और खेल जैसे क्षेत्रों में भी सहयोग की अपार संभावनाएं हैं।
बाद में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने भी अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “ रणनीतिक संबंधों को और प्रगाढ बनाना है! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में कासा रोसाडा में राष्ट्रपति जेमिली के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की। ”
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ उनके मजबूत समर्थन और एकजुटता के लिए राष्ट्रपति मिली को धन्यवाद दिया। ब्यूनस आयर्स में हुई यह बैठक 1968 के बाद से अर्जेंटीना की धरती पर दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच पहली औपचारिक द्विपक्षीय बैठक है। उस समय पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का तत्कालीन राष्ट्रपति जुआन कार्लोस ओंगानिया ने स्वागत किया था।
विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व ) पी कुमारन ने द्विपक्षीय वार्ता के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि वार्ता से पहले कासा रोसाडा में प्रधानमंत्री मोदी का औपचारिक स्वागत किया गया।
दोनों नेताओं के बीच संक्षिप्त बातचीत हुई जिसके बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुयी। वार्ता के दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों की व्यापक समीक्षा की। दोनों नेताओं ने व्यापार और वाणिज्य, प्रौद्योगिकी, रक्षा, अंतरिक्ष, स्वास्थ्य और फार्मास्यूटिकल्स सहित कई प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने तथा दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने पर सहमति व्यक्त की।
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-मर्कोसुर तरजीही व्यापार समझौते के विस्तार में अर्जेंटीना के समर्थन का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि इस विस्तार से दोनों पक्षों को परस्पर लाभ मिल सकता है और नए अवसर खुल सकते हैं। दोनों नेताओं ने रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने में भी रुचि व्यक्त की। उन्होंने महसूस किया कि वे सहयोग बढ़ाने और पारस्परिक रणनीतिक हित में योगदान देने के लिए अपने-अपने अनुभवों और क्षमताओं का लाभ उठा सकते हैं।
उन्होंने एक-दूसरे के कृषि और डेयरी उत्पादों के लिए बाजार तक पहुंच बढ़ाने की आवश्यकता पर भी चर्चा की। उन्होंने क्षेत्र में उत्पादकता और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए ज्ञान और प्रौद्योगिकी साझा करने के महत्व पर जोर दिया। दोनों नेताओं ने अपनी टीमों को जल्द से जल्द कृषि पर संयुक्त कार्य समूह की बैठक बुलाने का निर्देश दिया।
प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य सेवा और औषधि क्षेत्र में भारत की ताकत विशेष रूप से उच्च गुणवत्ता वाली सस्ती दवाओं का उत्पादन करने की क्षमता पर प्रकाश डाला। उन्होंने भारत को अर्जेंटीना के फार्मास्युटिकल विनियामक ढांचे के अनुलग्नक दो से अनुलग्नक एक में स्थानांतरित करने की संभावना पर चर्चा की। इससे अर्जेंटीना के बाजार में भारतीय दवा उत्पादों के सुगम प्रवेश की सुविधा बनेगी।
उन्होंने टेलीमेडिसिन, डिजिटल स्वास्थ्य , प्रशिक्षण और ज्ञान के आदान-प्रदान के माध्यम से क्षमता निर्माण में पहल पर भी चर्चा की। दोनों नेताओं ने ऊर्जा और महत्वपूर्ण खनिज क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की बढ़ती ऊर्जा और औद्योगिक जरूरतों को रेखांकित किया और इस बात पर जोर दिया कि अर्जेंटीना भारत की विकास यात्रा में एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में काम कर सकता है।
दोनों पक्षों ने उपग्रह विकास, प्रक्षेपण सेवाओं, अंतरिक्ष अनुप्रयोगों सहित अंतरिक्ष में सहयोग के लिए नए रास्ते तलाशने और क्षमता निर्माण पर सहयोग करने पर सहमति व्यक्त की।