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ईरान परमाणु प्रतिष्ठानों के निरीक्षण के लिए तैयार है, लेकिन दबाव स्वीकार नहीं करेगा: राष्ट्रपति

ईरान परमाणु प्रतिष्ठानों के निरीक्षण के लिए तैयार है, लेकिन दबाव स्वीकार नहीं करेगा: राष्ट्रपति

प्रकाश कुंज । तेहरान, ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेज़ेश्कियान ने शनिवार को कहा कि उनका देश अपने परमाणु संयंत्रों के निरीक्षण के लिए तैयार है, लेकिन किसी भी तरह के दबाव को स्वीकार नहीं करेगा। पेज़ेश्कियान ने यह बात कज़ाखस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मुरात नुर्तलेउ से तेहरान में मुलाक़ात के दौरान कही।

प्रकाश कुंज । तेहरान, ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेज़ेश्कियान ने शनिवार को कहा कि उनका देश अपने परमाणु संयंत्रों के निरीक्षण के लिए तैयार है, लेकिन किसी भी तरह के दबाव को स्वीकार नहीं करेगा।

पेज़ेश्कियान ने यह बात कज़ाखस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मुरात नुर्तलेउ से तेहरान में मुलाक़ात के दौरान कही। यह टिप्पणी ईरान और अमेरिका के बीच अप्रत्यक्ष परमाणु वार्ताओं के संदर्भ में की गई, जिसकी जानकारी राष्ट्रपति कार्यालय की वेबसाइट पर दी गई है।

राष्ट्रपति पेज़ेश्कियान ने कहा कि ईरान की परमाणु गतिविधियाँ पूरी तरह पारदर्शी हैं और अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आइएइए) ने इसकी कई बार पुष्टि की है।

उन्होंने कहा, “हम निरीक्षण के लिए तैयार हैं, लेकिन ज्ञान, तकनीक और वैज्ञानिक उपलब्धियों से किसी देश को वंचित करना हमें स्वीकार नहीं है। हम हमेशा तर्कसंगत बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन ज़ोर-ज़बरदस्ती और धमकियों को कभी नहीं मानेंगे।”

कज़ाख के विदेश मंत्री नुर्तलेउ ने ईरान की शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम पर सिद्धांत आधारित और तर्कपूर्ण नीति की सराहना की और राष्ट्रपति कासिम-जोमार्ट टोकायेव का एक लिखित संदेश राष्ट्रपति पेज़ेश्कियान को सौंपा।

उन्होंने आशा जतायी कि यह संदेश दोनों देशों के संबंधों में एक नया अध्याय खोलेगा।

दोनों पक्षों ने सभी क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर सहमति जतायी।

ईरान की मीडिया आईआरएनए की रिपोर्ट के अनुसार, कज़ाख विदेश मंत्री शनिवार सुबह तेहरान पहुँचे, जहाँ ईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास अराक़ची ने उनका स्वागत किया।

दोनों ने द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की और कूटनीतिक अभिलेखों के क्षेत्र में सहयोग के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये।

गौरतलब है कि ईरान और अमेरिका के बीच अप्रैल से अब तक ओमान की मध्यस्थता में पाँच दौर की अप्रत्यक्ष वार्ताएँ हो चुकी हैं, जिनका उद्देश्य ईरान के परमाणु कार्यक्रम और अमेरिका की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों को लेकर समाधान निकालना है।

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