प्रकाश कुंज । मुंबई पूज्य नागा साधुओं ने ‘नागा सन्त नेत्र परीक्षण’ के माध्यम से भारत को वैश्विक स्तर पर गौरवान्वित किया है। यह एक प्रभावशाली जनस्वास्थ्य अभियान था, जिसे फ्रांस में आयोजित कान्स लायंस इंटरनेशनल फेस्टिवल ऑफ क्रिएटिविटी 2025 में हेल्थ एंड वेलनेस कैटेगरी में सिल्वर लायन पुरस्कार से नवाज़ा गया। यह पहल गोदरेज
प्रकाश कुंज । मुंबई पूज्य नागा साधुओं ने ‘नागा सन्त नेत्र परीक्षण’ के माध्यम से भारत को वैश्विक स्तर पर गौरवान्वित किया है। यह एक प्रभावशाली जनस्वास्थ्य अभियान था, जिसे फ्रांस में आयोजित कान्स लायंस इंटरनेशनल फेस्टिवल ऑफ क्रिएटिविटी 2025 में हेल्थ एंड वेलनेस कैटेगरी में सिल्वर लायन पुरस्कार से नवाज़ा गया। यह पहल गोदरेज कंज़्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (GCPL) और आईबेट्स फाउंडेशन के सहयोग से चलाई गई, जो डायबिटीज और रोकी जा सकने वाली अंधता के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए कार्यरत एक सामाजिक संस्था है।
गोदरेज क्रिएटिव लैब की ग्लोबल हैड स्वाति भट्टाचार्य ने कहा, “सबसे जटिल मानवीय समस्याओं के सबसे सरल समाधान हो सकते हैं। जब नागा साधु समुदाय ने हमारी बात मानी, वहीं से हमारी जीत शुरू हो गई थी। अब यह जीत आईबेट्स फाउंडेशन को वैश्विक पहचान दिलाएगी। हमारी सोच दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक मेले से निकलकर, दुनिया के सबसे बड़े रचनात्मक मंच तक पहुंच गई है।”
आईबेट्स फाउंडेशन के फाउंडर डॉ. निशांत कुमार ने कहा, “डायबिटीज के कारण होने वाली रोकी जा सकने वाली अंधता मेरे दिल के बेहद करीब का विषय है। गोदरेज कंज़्यूमर प्रोडक्ट्स और गोदरेज क्रिएटिव लैब के साथ मिलकर, हमने इस संदेश को केवल जागरूकता तक सीमित नहीं रखा, बल्कि उसे ज़मीन पर प्रभावशाली कार्य में बदला। नागा साधुओं को जीवित नेत्र चार्ट के रूप में प्रस्तुत करना लोगों की कल्पना और भावनाओं को छू गया। कान्स में मिला यह पुरस्कार इस नवाचार की वैश्विक मान्यता है, जो जीवन और दृष्टि दोनों को बचा रहा है।”