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अब विकास कार्यों को मिलेगी और अधिक गति -मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर लागू हुई नई व्यवस्था -टेंडर के बाद प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति के लिए वित्त विभाग को पुनः प्रस्ताव भेजने की व्यवस्था समाप्त

अब विकास कार्यों को मिलेगी और अधिक गति -मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर लागू हुई नई व्यवस्था -टेंडर के बाद प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति के लिए वित्त विभाग को पुनः प्रस्ताव भेजने की व्यवस्था समाप्त

जयपुर । मुख्यमंत्री  भजनलाल शर्मा के कुशल नेतृत्व में राज्य सरकार आमजन को भ्रष्टाचार मुक्त पारदर्शी सुशासन देने के लिए कृत संकल्पित है। विकास कार्यों एवं जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्तियों तक त्वरित रूप से पहुंचे, इसके लिए सरकार निरंतर कार्य कर रही हैं। इसी नीति के तहत मुख्यमंत्री के निर्देश पर विकास कार्यों

जयपुर । मुख्यमंत्री  भजनलाल शर्मा के कुशल नेतृत्व में राज्य सरकार आमजन को भ्रष्टाचार मुक्त पारदर्शी सुशासन देने के लिए कृत संकल्पित है। विकास कार्यों एवं जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्तियों तक त्वरित रूप से पहुंचे, इसके लिए सरकार निरंतर कार्य कर रही हैं। इसी नीति के तहत मुख्यमंत्री के निर्देश पर विकास कार्यों में तेजी लाने तथा प्रक्रिया में लगने वाले समय को न्यूनतम करने के लिए राज्य में अब नई व्यवस्था लागू की गई है।

     टेंडर के बाद प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति के लिए कार्यकारी विभाग द्वारा वित्त विभाग को फाइल भेजने की व्यवस्था अब समाप्त कर दी गई है। गत सरकार के समय शुरू हुई इस प्रक्रिया के कारण विकास कार्यों के शुरू होने में अनावश्यक विलंब हो रहा था। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहल पर राज्य में यह नई व्यवस्था लागू की गई है।

     विकास कार्यों की घोषणा कर धरातल पर निर्माण कार्य शुरू करने में जानबूझ कर देरी करने की नीयत से गत सरकार के समय व्यवस्था की गई कि कार्यकारी विभाग जब कार्य की स्वीकृति के प्रस्ताव के साथ वित्त विभाग को भिजवाता था, तब वित्त विभाग इस स्वीकृति के बजाय कार्य की केवल सैद्धांतिक स्वीकृति देता था। इसके बाद प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति के लिए संबंधित कार्यकारी विभाग को प्रस्ताव पुनः वित्त विभाग को भेजना पड़ता था।

     इस दोहरी प्रक्रिया में 15 से 30 दिन का अतिरिक्त समय लग रहा था। इससे एक ओर विकास कार्य की लागत बढ़ रही थी, वहीं दूसरी ओर आमजन को इनका समय पर लाभ नहीं मिल पा रहा था।

     मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा इस व्यवस्था में सुधार के निर्देशानुसार प्रक्रिया में संशोधन कर इसे प्रभावी बना दिया गया है। अब कार्यकारी विभाग से प्राप्त प्रस्ताव वित्त विभाग द्वारा स्वीकृत होते ही निविदा उपरान्त कार्यादेश जारी करने के लिए कार्यकारी विभाग को ही सक्षम बना दिया गया है। कार्यकारी विभाग निविदा के उपरांत कार्यादेश राशि के आधार पर प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृत राशि को स्वयं ही पोर्टल पर अपलोड कर सकेंगे। अतः प्रक्रिया के दूसरे चरण में पत्रावली वित्त विभाग को प्रेषित करने की आवश्यकता नही रहेगी। मुख्यमंत्री के इस निर्णय से विकास कार्यों में तेजी आएगी और निर्धारित समय सीमा में पूर्ण गुणवत्ता के साथ विकास कार्य करवाने का राज्य सरकार का संकल्प धरातल पर साकार हो सकेगा।

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