प्रकाश कुंज । गुवाहाटी लोक सभा में विपक्ष के उप नेता गौरव गोगोई ने असम के शिवसागर जिले में ओएनजीसी के एक संयंत्र में गैस रिसाव की घटना में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी से हस्तक्षेप की मांग की है। असम के शिवसागर जिले के भाटियापार बारिचुक गांव में ओएनजीसी के रिग नंबर 147(ए)
प्रकाश कुंज । गुवाहाटी लोक सभा में विपक्ष के उप नेता गौरव गोगोई ने असम के शिवसागर जिले में ओएनजीसी के एक संयंत्र में गैस रिसाव की घटना में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी से हस्तक्षेप की मांग की है।
असम के शिवसागर जिले के भाटियापार बारिचुक गांव में ओएनजीसी के रिग नंबर 147(ए) और वेल नंबर 135 पर 12 जून को गैस रिसाव हुआ। पांच दिन बीत जाने के बाद भी रिसाव जारी है, जिससे लगभग 1,500 लोग प्रभावित हुये हैं और करीब 70 परिवारों को राहत शिविरों में स्थानांतरित किया गया है।
गोगोई ने केंद्रीय मंत्री को पत्र लिखकर कहा, ”आज, मैंने असम के शिवसागर जिले के भाटियापार बारीचुक गांव का दौरा किया। पांच दिन पहले, ओएनजीसी रिग में जोरदार विस्फोट हुआ था, जिसके कारण गैस रिसाव शुरू हो गया। पांच दिनों के बाद भी, रिसाव को रोकने की दिशा में महत्वपूर्ण सफलता नहीं मिली है। बड़ी मात्रा में गैस वातावरण में फैल रही है, जिसके कारण स्थानीय लोगों के लिए विभिन्न स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो रही हैं।”
उन्होंने लिखा कि राहत शिविरों में रह रहे लोगों, खासकर बच्चों को तेज सिरदर्द, चक्कर और अस्थमा जैसी समस्याएं हो रही हैं। गैस की तेज बदबू और लगातार शोर के कारण छात्र अपनी परीक्षाओं की तैयारी पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं।
स्थानीय लोगों ने श्री गोगोई को बताया कि यह हादसा एक नए उत्पादन क्षेत्र की खोज के दौरान हुआ और यह संवेदनशील ऑपरेशन ओएनजीसी ने खुद नहीं बल्कि एक निजी फर्म को सौंपा था। यह फर्म कथित तौर पर स्थानीय प्रभावशाली नेताओं से जुड़ी है।.
गोगोई ने अपने पत्र में उल्लेख किया, ”यह फर्म पहले भी अन्य रिग-संबंधी दुर्घटनाओं में शामिल रही है। संदिग्ध सुरक्षा रिकॉर्ड वाले ठेकेदार को इतना महत्वपूर्ण कार्य सौंपने का निर्णय जवाबदेही और निगरानी के बारे में गंभीर चिंताएं पैदा करता है।” उन्होंने केंद्रीय मंत्री से तत्काल हस्तक्षेप करने का आग्रह किया और कहा कि प्रभावित लोगों की समस्याओं को प्राथमिकता दी जाये। साथ ही, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को प्रभावित क्षेत्र में वायु गुणवत्ता की सख्ती से निगरानी करने का निर्देश दिया जाये। उन्होंने कहा कि सभी रिपोर्टों की स्वतंत्र थर्ड-पार्टी लैब से जांच करायी जाये ताकि सटीकता और जनता का विश्वास सुनिश्चित हो सके।
उन्होंने कहा कि असम के लोग अभी भी 2020 में तिनसुकिया जिले के बाघजान हादसे की दर्दनाक यादों से उबर नहीं पाये हैं, जिसमें जान-माल और पर्यावरण को भारी नुकसान हुआ था। उन्होंने बताया कि उस घटना से जुड़ी कई मुआवजा और पुनर्वास समस्याएं पर काम नहीं हुआ है।
गोगोई ने उम्मीद जतायी कि ओएनजीसी जल्द से जल्द गैस रिसाव को नियंत्रित करके सार्वजनिक सुरक्षा बहाल करेगा और इस हादसे की विस्तृत जांच करेगा।