-सीएमओ में लगे कई वरिष्ठ आईएएस को बदला, किंतु महत्वपूर्ण विभागों में दिए गए बड़े ओहदे भजनलाल शर्मा सरकार द्वारा 22 जून को किए गए आईएएस अधिकारियों की तबादला सूची में सीएमओ के भी कई चर्चित चेहरे हैं। इन्हें सीएमओ से तो हटाया गया, पर बाहर भी बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। सीएमओ में तैनात एसीएस सहित अन्य आईएएस अधिकारियों को और पावरफुल कर दिया गया है। लंबे समय
-सीएमओ में लगे कई वरिष्ठ आईएएस को बदला, किंतु महत्वपूर्ण विभागों में दिए गए बड़े ओहदे
भजनलाल शर्मा सरकार द्वारा 22 जून को किए गए आईएएस अधिकारियों की तबादला सूची में सीएमओ के भी कई चर्चित चेहरे हैं। इन्हें सीएमओ से तो हटाया गया, पर बाहर भी बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। सीएमओ में तैनात एसीएस सहित अन्य आईएएस अधिकारियों को और पावरफुल कर दिया गया है। लंबे समय से बड़े नामों के ट्रांसफर की चर्चा को आखिरकार विराम लग गया।
इस तबादला सूची में कई तरह के समीकरण देखने को मिले हैं। वर्तमान पदों पर रहते हुए कई अधिकारियों को अतिरिक्त प्रभार के तहत बड़ी जिम्मेदारियां दी गई हैं। दूसरी तरफ, सरकार ने एक ऐसे अधिकारी को विभागीय जांच विभाग में पोस्टिंग दी है, जिन पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है।
एसीबी ने बाकायदा रेड भी डाली थी। कुछ ऐसे अफसरों के नाम भी ट्रांसफर लिस्ट में हैं, जिनकी अपने मंत्रियों से बनी नहीं है। कैबिनेट मंत्रियों से नहीं बनने पर या नाराजगी के चलते भी कुछ वरिष्ठ आईएएस को पद से हटा दिया गया है। हालांकि इनकी पोस्टिंग अच्छे पदों पर ही की गई है।
पिछले दिनों दूदू कलेक्टर रहते रिश्वत कांड के आरोपी हनुमान मल ढाका को भी विभागीय जांचों का जिम्मा दिया गया है।
इस सरकार में इस तरह की जिम्मेदारी पाने वाले ढाका दूसरे आईएएस बन गए हैं। ढाका को निदेशक विभागीय जांच लगाया है।
पिछली तबादला सूची में राजेंद्र विजय को आयुक्त विभागीय जांच पर तैनात किया था। राजेंद्र विजय पर आय से कई गुना अधिक संपत्ति अर्जित का आरोप है।
एसीबी ने उनके खिलाफ जांच भी की थी।
सीएमओ के अफसरों को अहम जिम्मेदारियां मिलीं
तबादला सूची को देखें तो मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात आईएएस अफसरों पर इस सरकार ने काफी भरोसा जताया है। सीएमओ में रहते और सीएमओ से बाहर भेजे अधिकारियों को काफी जिम्मेदारी वाले अहम पद दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री के विश्वस्त अधिकारियों में गिने जाने वाले शिखर अग्रवाल की जिम्मेदारी बढ़ा दी गई है। मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात वरिष्ठ आईएएस अधिकारी शिखर अग्रवाल को रीको के अध्यक्ष पद का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा है। वे अतिरिक्त मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री पद के साथ इस जिम्मेदारी को भी सम्भालेंगे।
आलोक गुप्ता को राजसीको का अतिरिक्त प्रभार
राजस्थान में निवेश बढ़ाने को लेकर राज्य सरकार काफी प्रयासरत है। इस सरकार का ये प्रमुख लक्ष्यों में से एक है। आलोक गुप्ता को प्रमुख सचिव, मुख्यमंत्री से हटाकर राजस्थान के लिहाज से देखें तो प्रमुख सचिव उद्योग जैसा बड़ा महकमा दिया गया है। वे दिल्ली-मुम्बई औद्योगिक कॉरिडोर से जुड़े काम को भी देखेंगे। इसके अलावा आलोक गुप्ता को अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, राजसीको का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया है।
प्रचार-प्रसार के महकमे की और मजबूती पर फोकस
इसी तरह, राज्य सरकार ने अपने प्रचार-प्रसार के महकमे को और मजबूत और प्रभावी बनाने के लिए सीएमओ में लगे आईएएस पर ही अधिक भरोसा जताया है। मुख्यमंत्री के विशिष्ट सचिव संदेश नायक को आयुक्त एवं विशिष्ट शासन सचिव सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग पद का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा है।
सिहाग को राज. विद्युत प्रसारण निगम की अति. जिम्मेदारी
राजस्थान के लिहाज से बिजली के मामले काफी अहम हैं। इस तबादला सूची में सरकार ने फिर सीएमओ में लगे अधिकारी पर ही विश्वास जताया है। सीएमओ में विशिष्ट सचिव पद पर लगे एक और आईएएस सिद्धार्थ सिहाग को राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम के प्रबंध निदेशक जैसे जिम्मेदारी वाले पद का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
किरोड़ी की नाराजगी सीनियर आईएएस को फिर पड़ी भारी
इस तबादला सूची से साफ जाहिर है कि कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा की सीनियर आईएएस कुंजीलाल मीणा से नाराजगी अभी दूर नहीं हुई है। पिछली गहलोत सरकार में नगरीय विकास, ऊर्जा, खान जैसे बड़े महकमों की जिम्मेदारी सम्भाल चुके कुंजीलाल मीणा को बीजेपी की सरकार बनने के बाद इंदिरा गांधी नहर बोर्ड का अध्यक्ष बना दिया गया था। इस तबादला सूची में भी उन्हें अहम जिम्मेदारी देने से सरकार ने दूरी बनाई है। मीणा को एसीएस जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के पद पर लगाया गया है।
पिछले विधानसभा चुनाव में सवाईमाधोपुर सीट से किरोड़ी लाल मीणा के सामने कुंजीलाल मीणा की नजदीकी रिश्तेदार आशा मीणा ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था। कहा जाता है कि कुंजीलाल मीणा ने आशा मीणा के लिए काफी फील्डिंग की थी, जो खुद-ब-खुद किरोड़ी मीणा के विरोध में ही मानी गई। एक ही समाज से होने के कारण किरोड़ी की नाराजगी तभी से बढ़ गई थी।
पावरफुल आईएएस को हटाया, लेकिन अहम महकमा दिया
भाजपा ने जब से शासन संभाला, तभी से ही सीनियर आईएएस अखिल अरोड़ा को लेकर तमाम चर्चाएं चलीं। गहलोत सरकार में उन्होंने वित्त विभाग का जिम्मा संभाला था। इस सरकार में भी दो बार से बजट अखिल अरोड़ा की ओर से ही तैयार किया जा रहा था। सरकार बदलने के बाद अफसरशाही का चेहरा भी बदल जाता है। वित्त जैसे अहम महकमे में अखिल अरोड़ा लगातार बने हुए थे। भाजपा सरकार के दौरान हर तबादला सूची से पहले अखिल अरोड़ा को हटाए जाने की चर्चाएं जोर पकड़ लेती थीं। अखिल अरोड़ा ने पांच साल वित्त विभाग का जिम्मा संभाला और अब उन्हें हटाकर राजस्थान के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण जलदाय विभाग का जिम्मा दिया है। वित्त की जिम्मेदारी वैभव गालरिया को सौंपी गई है। गालरिया को प्रमुख यूडीएच सचिव पद से हटाकर प्रमुख वित्त सचिव का पद सौंपा गया है। सरकार ने गालरिया को पॉवरफुल बनाए रखा है और जयपुर मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन में अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक पद का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा है।
इधर, पूर्व सीएम अशोक गहलोत के प्रमुख सचिव रहे कुलदीप रांका को सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग से उच्च और तकनीकी शिक्षा के एसीएस की जिम्मेदारी दी गई। माना जा रहा है कि बराबरी के महत्व वाला विभाग दिया है।
आनंद कुमार को करीब ढाई साल बाद गृह विभाग से हटाया
गहलोत सरकार में पावरफुल रहे आईएएस आनंद कुमार को करीब ढाई साल बाद गृह विभाग से हटाया। आनंद कुमार को गहलोत सरकार ने अक्टूबर 2022 में गृह विभाग में लगाया था। प्रमोशन होने पर भजनलाल सरकार ने उन्हें होम में ही एसीएस होम की जिम्मेदारी सौंप दी थी, लेकिन अब उन्हें होम से हटाकर एसीएस फॉरेस्ट लगाया। सरकार ने अब आनंद कुमार की जगह भास्कर ए सावंत को होम की जिम्मेदारी है।
मंत्रियों की नाराजगी, लेकिन पद मिला दमदार
आमतौर पर हर सरकार में कुछ सीनियर आईएएस की अपने मंत्रियों के साथ अनबन की खबरें आती रहती हैं। हालांकि इस सरकार में काफी खुलकर ऐसा देखने को नहीं मिला, लेकिन अंदरखाने जरूर चर्चाएं चली हैं। इस तबादला सूची में सीनियर आईएएस अजिताभ शर्मा को उद्योग से हटाकर प्रमुख सचिव, ऊर्जा जैसे अहम पद पर लगाया गया है। एसीएस ऊर्जा रहे सीनियर आईएएस आलोक का हाल ही में निधन हो गया था। चर्चा रही थी कि राइजिंग ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के बाद से ही कैबिनेट मंत्री राज्यवर्धन राठौड़ के अजिताभ शर्मा से अनबन चल रही है। हालांकि विवाद सचिवालय के गलियारों में चर्चा का विषय बना रहा, लेकिन कभी खुलकर सामने नहीं आया। राज्यवर्धन राठौड़ ने इस समिट के बाद बिना नाम लिए अधिकारियों पर भी निशाना साधा था। अजिताभ को सरकार ने प्रमुख ऊर्जा सचिव बनाने के साथ राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम के अध्यक्ष पद का अतिरिक्त कार्यभार भी सौंपा है। डिप्टी सीएम दीया कुमारी के वित्त, पर्यटन सहित 4 विभागों के 3 अफसरों को बदलने से भी कई तरह की चर्चाएं चल रही हैं। पर्यटन सचिव रवि जैन को लेकर बताया जा रहा है कि डिप्टी सीएम के साथ उनके समीकरण ठीक नहीं बैठ पा रहे थे। अब रवि जैन को इस पद से हटाकर स्वायत्त शासन विभाग का जिम्मा सौंप दिया है। राजेश यादव को प्रमुख पर्यटन सचिव बनाया गया है।
जयपुर नगर निगम ग्रेटर की मेयर डॉ. सौम्या गुर्जर से आयुक्त रुकमणि रियाड़ से अनबन की चर्चाएं साल भर से चल रही थीं। अब रियाड़ को आयुक्त पद से हटाकर पर्यटन विभाग का आयुक्त लगाया गया है। साथ ही, हैरिटेज निगम आयुक्त अरुण हसीजा भी इस पद से खुद हटना चाह रहे थे। अब हसीजा को राजसमंद कलेक्टर बनाया गया है।
नरेश मीणा थप्पड़ कांड में टोंक कलेक्टर सौम्या झा पर गिरी गाज
देवली-उनियारा उपचुनाव में वोटिंग के दौरान एसडीएम के थप्पड़ मारने के बाद हुए बवाल के मामले में गिरफ्तार निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा मामले में टोंक जिला कलेक्टर सौम्य झा पर गाज गिर गई है। सरकार ने उनका तबादला निदेशक चिकित्सा विभाग के पद पर किया है। वह हिमाचल प्रदेश कैडर की आईएएस थीं, जिनका कैडर आईएएस अक्षय गोदारा से शादी करने के लिए बदला था। उन्हें राजस्थान कैडर मिला।
25 लाख के घूसकांड में फंसे आईएएस को निदेशक विभागीय जांच का जिम्मा
अप्रैल 2024 से एपीओ चल रहे आईएएस हनुमान मल ढाका को सरकार ने पोस्टिंग दे दी है। उन्हें निदेशक विभागीय जांच बनाया गया है। जमीन के भू उपयोग परिवर्तन मामले में 25 लाख रुपए की रिश्वत मांगने के आरोपी दूदू कलेक्टर हनुमान मल ढाका को राज्य सरकार ने एपीओ कर दिया गया था। उन्हें दूदू कलेक्टर के पद से हटा दिया गया था। पिछले साल 26 अप्रैल की रात 12 बजे एसीबी की टीम ने हनुमान मल ढाका के दफ्तर और निवास पर दबिश दी थी। रिश्वत की मांग किए जाने की शिकायत के बाद एसीबी ने यह कार्रवाई की थी।
हथियार लाइसेंस की अनियमितता में फंसे कलेक्टर को भी विभागीय जांच विभाग की जिम्मेदारी
हथियार लाइसेंस जारी करने में कथित अनियमितताओं के आरोप में फंसे झुंझुनूं कलेक्टर रामवतार मीणा को भी पद से हटा दिया गया है। खास बात यह है कि उन्हें निदेशक विभागीय जांच विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। पिछले दिनों मुख्य सचिव ने उन्हें सीकर में हुई एक बैठक के दौरान सार्वजनिक रूप से फटकार लगाई थी। स्पष्ट शब्दों में ‘गलत काम बंद करने’ की चेतावनी दी थी। यहां तक कि उनकी पेंशन रोकने तक की बात कही गई थी। मुख्य सचिव के निदेर्शों के बाद, संभागीय आयुक्त ने झुंझुनूं के सभी हथियार लाइसेंस से संबंधित फाइलें मंगवा ली थीं और मामले की गहन जांच शुरू की थी।
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने रविवार देर रात 62 आईएएस अफसरों का तबादला किया। साथ ही, 21 आईएएस को अतिरिक्त प्रभार दिया गया। सूची में 11 जिलों के कलेक्टर बदले गए हैं।