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बजरी को लेकर सरकार का ढुलमुल रवैया बन रहा है परेशानी का सबब

बजरी को लेकर सरकार का ढुलमुल रवैया बन रहा है परेशानी का सबब

-प्रदेश के लोगों को सस्ती बजरी का लंबे समय से है इंतजार – एक साल से बनास की वैध बजरी की जिले में कोई लीज नहीं   ( वसीम अकरम कुरैशी ) जयपुर.@ प्रकाश कुंज: राजस्थान में बजरी को लेकर सरकार का ढुलमुल रवैया आमजन के लिए आफत बना है। करीब एक साल से बनास की वैध बजरी की जिले में कोई लीज नहीं है। सरकार ने

-प्रदेश के लोगों को सस्ती बजरी का लंबे समय से है इंतजार

– एक साल से बनास की वैध बजरी की जिले में कोई लीज नहीं 

 ( वसीम अकरम कुरैशी )

जयपुर.@ प्रकाश कुंज: राजस्थान में बजरी को लेकर सरकार का ढुलमुल रवैया आमजन के लिए आफत बना है। करीब एक साल से बनास की वैध बजरी की जिले में कोई लीज नहीं है। सरकार ने एक साल पहले लीज देने की प्रक्रिया शुरू की थी। कुछ लीज के एलओआई भी जारी कर दी। लेकिन उन्हें पर्यावरण स्वीकृति नहीं मिली। जबकि एक दर्जन से अधिक लीजधारकों ने ईसी के लिए आवेदन कर रखा है।

खनिज विभाग ने भीलवाड़ा व बिजौलिया में बजरी खनन के लिए 30 से अधिक ब्लॉक ऑनलाइन प्रक्रिया से नीलाम किए। इसमें भीलवाड़ा क्षेत्र के 18 ब्लॉक नीलाम हुए हैं। इनमें अधिकतम नीलामी दर की 40 फीसदी राशि जमा होने के बाद लीज धारक को विभाग ने एलओआई जारी कर दी। बिजौलिया क्षेत्र में 12 ब्लॉक की नीलामी हुई है। इसमें सभी की स्वीकृति जारी हो चुकी है।

सरकार का नियम है कि पट्टा धारक बजरी रॉयल्टी से चार गुना ही राशि वसूल कर सकेगा। सरकार की 51.30 रुपए प्रति टन रॉयल्टी है। ऐसे में पट्टा धारक खनन, परिवहन व भराई समेत 200 रुपए प्रति टन वसूल करेगा। लेकिन अभी यह 600 से 800 रुपए प्रति टन से बजरी मिल रही है।

 इनमें हो चुकी नीलामी

खनिज विभाग के अनुसार बनास नदी में बनाए गए 100-100 हैक्टेयर के 30 ब्लॉक की नीलामी की गई है। इसमें कान्याखेड़ी, हमीरगढ़, मंगरोप, कोटड़ी, आकोला, बडलियास समेत बनास नदी शामिल है। वहीं बिजौलिया में भी बनास नदी क्षेत्र में बजरी की नीलामी हो चुकी है।

ईसी के अभाव में आमजन पर भार

वैध बजरी नहीं मिलने पर आमजन को अभी अवैध बजरी महंगे दामों पर खरीदनी पड़ रही। बजरी माफिया लीज नहीं होने से चांदी कूट रहे हैं। मंशा पत्र जारी होने तथा जनसुनवाई के बाद लीज धारकों ने ईसी के लिए आवेदन कर रखा है, लेकिन ईसी जारी नहीं होने से अवैध खनन तेजी हो रहा है। ईसी मिलने पर ही जिले में बजरी का वैध खनन हो सकेगा। इससे अवैध खनन पर अंकुश लग सकेगा।

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