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पारदर्शिता हमारी गुड गवर्नेंस का केन्द्र बिंदु

पारदर्शिता हमारी गुड गवर्नेंस का केन्द्र बिंदु

जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार आमजन को संवेदनशील, पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त सुशासन देने के लिए प्रतिबद्ध है, अधिकारी-कर्मचारी सरकार के शासन तंत्र की मुख्य धुरी हैं जिनकी जनकल्याणकारी योजनाओं को आमजन तक पहुंचाने में अहम भूमिका होती है। ऐसे में कार्मिक पूरे समर्पण भाव एवं सत्यनिष्ठा से काम करते हुए

जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार आमजन को संवेदनशील, पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त सुशासन देने के लिए प्रतिबद्ध है, अधिकारी-कर्मचारी सरकार के शासन तंत्र की मुख्य धुरी हैं जिनकी जनकल्याणकारी योजनाओं को आमजन तक पहुंचाने में अहम भूमिका होती है। ऐसे में कार्मिक पूरे समर्पण भाव एवं सत्यनिष्ठा से काम करते हुए राज्यहित को सर्वोच्च प्राथमिकता दें ताकि अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति को योजनाओं को पूरा लाभ मिल सके।

शर्मा गुरूवार को मुख्यमंत्री निवास पर कार्मिक विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टोलरेंस की नीति अपनाते हुए आमजन को गुड गवर्नेन्स देने का कार्य प्राथमिकता से कर रही है। उन्होंने निर्देश दिए कि विभागीय जांच के 16 सीसीए, 17 सीसीए सहित 17ए के लंबित प्रकरणों का समयबद्ध निस्तारण हो जिससे राजकीय कार्यों में जवाबदेही सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि जिन विभागों में लंबित प्रकरणों की संख्या अधिक है, उनके सचिव ऐसे प्रकरणों की स्वयं प्रति सप्ताह समीक्षा करें। लंबित प्रकरणों का निस्तारण निर्धारित अवधि में पूरा हो।

कार्मिकों की दक्षता वृद्धि के लिए कराए प्रशिक्षण-

मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्मचारियों का अनुशासन एवं सेवा-भाव राज्य सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण होता है। ऐसे में अधिकारी-कर्मचारियों को नियमित ऑनलाइन एवं ऑफलाइन प्रशिक्षण दिया जाए जिससे उनकी क्षमता में संवर्धन और दक्षता में वृद्धि हो सके। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आवश्यकतानुसार नियमों में संशोधन कर सुसंगत बनाएं।

शर्मा ने कहा कि काम में लापरवाही और अनुशासनात्मक कार्यवाही के लंबित प्रकरणों का शीघ्र निस्तारण किया जाए। लंबित प्रकरणों की अधिक संख्या वाले विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण इन प्रकरणों की समीक्षा करें तथा इनका समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित करें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी विभाग ऐसे प्रकरणों की रिपोर्ट नियमित भिजवाएं। साथ ही, मुख्य सचिव के स्तर पर ऐसे लंबित प्रकरणों के निस्तारण के लिए नियमित मॉनिटरिंग की जाए।

 

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