प्रकाश कुंज । तिरुवनंतपुरम केरल में शुरू होने वाली ‘मिशन 10,000’ परियोजना के तहत करीब 10 हजार नैनो उद्यमों को बढ़ावा मिलेगा जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। उद्योग, कॉयर एवं कानून मंत्री पी राजीव ने शुक्रवार को कहा कि इस परियोजना पर आईआईएम इंदौर और सेंटर
प्रकाश कुंज । तिरुवनंतपुरम केरल में शुरू होने वाली ‘मिशन 10,000’ परियोजना के तहत करीब 10 हजार नैनो उद्यमों को बढ़ावा मिलेगा जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
उद्योग, कॉयर एवं कानून मंत्री पी राजीव ने शुक्रवार को कहा कि इस परियोजना पर आईआईएम इंदौर और सेंटर फॉर मैनेजमेंट डेवलपमेंट (सीएमडी), तिरुवनंतपुरम ने अध्ययन किया है। इसके माध्यम से युवा अपने क्षेत्र में ही रहकर औसतन एक करोड़ रुपये का कारोबार और एक लाख करोड़ रुपये का शुद्ध कारोबार उत्पन्न कर सकते हैं।
मंत्री ने यहां उद्योग एवं वाणिज्य विभाग (डीआईसी) और केरा परियोजना द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित अंतरराष्ट्रीय एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) दिवस समारोह का उद्घाटन किया।
राजीव ने बताया कि भू-राजनीतिक तनाव के बीच केरल में पलायन बढ़ रहा है। राज्य सरकार रोजगार सृजन और आर्थिक विकास के लिए उद्योग-मैत्री माहौल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। पिछले चार साल में करीब 3.5 लाख नये एमएसएमई पंजीकृत हुये, जिसमें 23 हजार करोड़ रुपये का निवेश और 7.25 लाख रोजगार अवसर बने।
मंत्री ने कहा,“मेड इन केरल पहल के साथ, हमने पहले ही नारियल तेल को ‘नन्मा’ के रूप में ब्रांड किया है, जिसने ग्राहकों के बीच लोकप्रियता हासिल की है। मेड इन केरल पहल के तहत 10 और ऐसे उत्पादों को ब्रांड किया जाएगा।”
मंत्री ने कहा कि कोच्चि में हुये इन्वेस्ट केरल ग्लोबल समिट (आईकेजीएस) से 1.96 लाख करोड़ रुपये का निवेश मिला। केरल ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में 100 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की और देश में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में शीर्ष स्थान हासिल किया। सरकार और उद्योग विभाग के प्रयासों से नव स्थापित एमएसएमई की विफलता दर में कमी आई है।
उद्योग एवं वाणिज्य निदेशालय और विश्व बैंक समर्थित केरा परियोजना के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुये। उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रधान सचिव एपीएम मोहम्मद हनीश आईएएस और केरा के परियोजना निदेशक डॉ. बी अशोक आईएएस ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये। इसका उद्देश्य खासतौर पर मूल्य आधारित खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में एमएसएमई को वित्तीय सहायता देना है। कार्यक्रम में ‘व्यवसाय जलकम 2025’ पुस्तिका का भी विमोचन किया गया।